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16-Nov-2023 07:01 PM
By First Bihar
PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को उठाकर बिहार की सियासत को गर्म कर दिया है। बीजेपी ने इसको लेकर बड़ा हमला बोला है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 14वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य की अवधारणा को ही अमान्य कर दिया है और अब किसी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज देकर विशेष दर्जा से कई गुना अधिक मदद कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा है कि खुद नीतीश कुमार की पहल पर कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जो रघुरामराजन कमेटी गठित करायी थी, उसने भी विशेष राज्य की मांग को खारिज कर दिया था। नीतीश कुमार जब केंद्र के विरोधी खेमे में रहते हैं, तब केंद्र की परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने में अड़ंगेबाजी करते हैं और चुनाव निकट देख कर केंद्र को बदनाम करने के लिए विशेष दर्जे की मांग पर राजनीति शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे, तब इन लोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया? एक लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और 4-लेन,6- लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह क्या केंद्रीय मदद नहीं है? बिहार में जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्र की सहायता से संभव हुआ। इससे बिहार के हजारों परिवारों को रोजगार मिला।
सुशील मोदी ने कहा कि क्या बिना केंद्रीय मदद के राज्य के 2.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए? केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 1.02 लाख करोड़ की राशि मिलती है। क्या यह केंद्रीय सहायता नहीं है? केंद्र सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये खर्च कर बरौनी खाद कारखाना का आधुनिकीकरण कर इसे फिर चालू कराया। यदि विकास की चिंता होती तो नीतीश कुमार उनके साथ नहीं जाते, जिनके शासन में बरौनी सहित कई कारखाने बंद हुए, बेरोजगारी तेजी से बढ़ी और पलायन की नौबत आयी। उन्होंने कहा कि दरभंगा , बिहटा और पटना एयर पोर्ट का विस्तार क्या बिना केंद्रीय सहायता के संभव था?