Bihar Ias Officers: बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का प्रमोशन, कई जिलों के DM को भी सरकार ने दी प्रोन्नति, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar Crime News: बिहार के कारोबारी की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों ने पुलिस पर पिटाई के लगाए आरोप Bihar Politics: ‘भारत में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं, इन्हें इस्लामिक देश भेजो’, मदनी और रेवंत रेड्डी के विवादित बयान पर भड़के गिरिराज सिंह Bihar Politics: ‘भारत में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं, इन्हें इस्लामिक देश भेजो’, मदनी और रेवंत रेड्डी के विवादित बयान पर भड़के गिरिराज सिंह Bihar crime incident : युवक की पीट-पीटकर हत्या, लूटपाट और बाइक टक्कर विवाद में दिया घटना को अंजाम; पुलिस जांच शुरू BIHAR: अवैध वसूली का पैसा बांटने को लेकर पुलिस कर्मियों के बीच हुआ विवाद, कहा..एक बात जान लो..हम दारोगा हैं और तू होमगार्ड हो Patna News: पटना में चलती कार में अचानक लगी भीषण आग, बाल–बाल बची डॉक्टर की जान Patna News: पटना में चलती कार में अचानक लगी भीषण आग, बाल–बाल बची डॉक्टर की जान Train News: पटना साहिब स्टेशन पर रूकेंगी यह 19 जोड़ी ट्रेनें, गुरू गोविंद सिंह के 359वें प्रकाश पर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला Train News: पटना साहिब स्टेशन पर रूकेंगी यह 19 जोड़ी ट्रेनें, गुरू गोविंद सिंह के 359वें प्रकाश पर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला
17-Jan-2024 08:44 PM
By First Bihar
PATNA: नीतीश सरकार से बीजेपी ने यह सवाल किया है कि लघु उद्यमी योजना में जातीय सर्वे के आंकड़ों में अनदेखी क्यों की गयी? पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन 82 लाख से अधिक परिवारों की आय 6 हजार से 10 हजार रुपये मासिक हैं, उन्हें क्या सरकार अमीर मानती है? इनमें 32 लाख से ज्यादा परिवार तो केवल अतिपिछड़ा वर्ग के हैं। सरकार बताये कि इन लाखों परिवारों को "बिहार लघु उद्यमी योजना" के तहत 2-2 लाख रुपये देने के लाभ से वंचित क्यों रखा गया?
सुशील मोदी ने कहा कि अतिपिछड़ा, पिछड़ा, एससी-एसटी के आंकड़ों को आधार बना कर उनके विकास के लिए अलग-अलग योजना क्यों नहीं बनायी गई?उन्होंने कहा कि सर्वे के अनुसार 10 से 20 हजार मासिक आय वाले जो 50 लाख से ज्यादा परिवार हैं, उनके विकास के लिए क्या योजना है? 2.18 करोड़ कास्तकारों के कल्याण के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनी?
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने जातीय सर्वे में प्राप्त भूमिहीन परिवारों के आंकड़े न तो सार्वजनिक किये, न इन परिवारों को कृषि भूमि देने की कोई योजना बनायी। उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे कराते समय आश्वस्त किया गया था कि इस के आंकड़ों को आधार बना कर हर जाति-वर्ग के लिए अलग-अलग योजनाएँ लागू की जाएँगी। इसके विपरीत "बिहार लघु उद्यमी योजना" को केवल गरीबी के आर्थिक आधार पर सबके लिए समान रूप से क्यों लागू कर दिया गया?