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25-Mar-2021 08:18 PM
PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गृह विभाग के अपर मुख्या सचिव चैतन्य प्रसाद और बिहार के डीजीपी एसके सिंघल से बातचीत की है. स्पीकर ने विधायकों से गुंडई करने वाले, उन्हें लात-घूंसे से पीटने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया है.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा गुरूवार की देर शाम बिहार के डीजीपी एसके सिंघल से बातचीत की और उन्होंने कहा कि मंगलवार को विधानसभा परिसर में जिन पुलिसवालों ने विधायकों को बेरहमी से पीटा और जिन्होंने महिला विधायकों के साथ बदतमीजी की. वैसे पुलिसकर्मियों को चिंहित कर उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाये. उनके खिलाफ रिपार्ट दर्ज कराई जाये. स्पीकर विजय सिन्हा ने साफ़ शब्दों में कहा कि सदन की सदन की गरिमा का ख्याल रखने की जवाबदेही सबकी है. किसी भी वयक्ति को सदन की गरिमा के लक्ष्मणरेखा पार करने की छूट नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष ने बदसलूकी के विडियो फुटेज विधानसभा आचार समिति को सौंपने का भी निर्देश दिया है. वीडियो फुटेज के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब हो कि इससे पहले संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेस कर इन दोनों आलाधिकारियों ने बिहार विधानसभा में विधायकों की बर्बर पिटाई का दोष विधानसभा अध्यक्ष पर फोड़ा था. बिहार के डीजीपी औऱ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दावा किया कि मंगलवार को विधानसभा में जो कुछ हुआ वह विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर हुआ. अगर किसी को ये लगता है कि पुलिस ने गलत किया है तो विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई का निर्देश दें, सरकार दोषियों पर कार्रवाई कर देगी.
दरअसल बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों की पुलिस द्वारा लात-जूते से पिटाई का वीडियो पूरे देश में वायरल है. कल ही नीतीश कुमार कह चुके हैं कि उन्होंने पुलिस की कोई गलती नहीं देखी. जो कुछ किया वह विपक्षी विधायकों ने किया. गुरूवार को जब बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद औऱ डीजीपी एस के सिंघल से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्होंने विधायकों की पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई का वीडियो देखा है. दोनों अधिकारियों ने कहा उन्होंने कुछ नहीं देखा.
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद औऱ डीजीपी एस के सिंघल ने कहा कि मंगलवार को बिहार विधानसभा में पुलिस को विधानसभा अध्यक्ष ने बुलवाया था. विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर पुलिस गयी थी, पुलिस ने उनके निर्देश पर कार्रवाई की. चैतन्य प्रसाद ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर पुलिस मार्शल के सहयोग के लिए गयी थी. डीजीपी एस के सिंघल ने कहा कि विधानसभा परिसर पर पूरा नियंत्रण स्पीकर का होता है. वहां किसी तरह की कोई जांच भी स्पीकर ही करा सकते हैं. वहां सरकार या प्रशासन का कोई अधिकार नहीं होता. अगर किसी को लग रहा है कि पुलिस ने ज्यादती की है तो स्पीकर उसकी जांच करायें. स्पीकर जांच करके निर्देश दें. वे जो भी निर्देश देंगे उसके मुताबिक कार्रवाई की जायेगी.
विधानसभा में विधायकों की बर्बर पिटाई के मामले में कल नीतीश कुमार का बयान औऱ फिर सरकार के आलाधिकारियों के बयान से जेडीयू-बीजेपी के बीच शह-मात के खेल की भी झलक मिलने लगी है. विधानसभा में विपक्षी विधायकों की बर्बर पिटाई के मामले में नीतीश कुमार ने भी कहा था कि जो हुआ स्पीकर के कहने पर हुआ. आज उसी बात को अधिकारियों ने दुहराया.
जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार पिटाई का सारा दोष बीजेपी के मत्थे मढ़ना चाहते थे. दरअसल विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी कोटे से आते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने किस दबाव के तहत पुलिस को बुलाया था इसे लेकर कई तरह के चर्चे आम हैं. जानकार बताते हैं कि विधानसभा में मंगलवार को चुन चुन कर ऐसे अधिकारियों को भेजा गया था जो नीतीश कुमार के करीबी बताये जा रहे हैं.