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17-Jun-2021 11:00 AM
By SANT SAROJ
SUPAUL: दहेज की मांग को लेकर एक विवाहिता को ससुरालवालों द्वारा पिछले 8 महीने से घर में कैद रखा गया था। इस दौरान उसे मानसिक और शारिरीक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता था। इस बात की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों की मदद से पीड़िता के परिजनों ने मौके पर पुलिस को बुलाया और कैद से मुक्त कराया।फिलहाल महिला थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है जिसके बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
मामला सुपौल के किशनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित किशनपुर बाजार का है जहां 8 महीने से घर में कैद विवाहिता को ग्रामीणों की मदद से कैद से मुक्त कराया गया। पीड़िता के परिजन और ग्रामीणों की सूचना के बाद महिला थानाध्यक्ष प्रमिला कुमारी पुलिस बल के साथ किशनपुर बाजार पहुंची जहां पूरे मामले की जानकारी ली गयी। इस दौरान पुलिस को देखकर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर उपसथित ग्राामीणों ने बताया कि 8 महीने से विवाहिता को ससुरालवालों ने घर में बंधक बनाकर रखा है। पीड़िता को मानसिक और शारिरीक रूप से प्रताड़ित भी किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इसे लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर पंचायत भी की गयी थी। लेकिन पीड़िता के ससुर विक्रम चौधरी किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि यह उनका निजी मामला है इसमें ना बोलने का किसी को अधिकार नहीं है। पीड़िता के पिता और भाई को जब इसकी जानकारी हुई वे भी घर पर पहुंच गये लेकिन उन्हे बेटी से मिलने नहीं दिया गया। जिसके बाद गुस्साएं ग्रामीणों ने घर का ताला तोड़कर पीड़िता को घर से बाहर निकाला और महिला थाना पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल महिला थाने में मामले की शिकायत परिजनों ने दर्ज करायी है जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गयी है।
गौरतलब है कि विक्रम चौधरी के बेटे संजय चौधरी की शादी मोना कुमारी जायसवाल के साथ 7 मार्च 2018 को हुई थी। हिंदू रीति रिवाज के साथ दिल्ली के नोएडा में हुई शादी में दहेज के तौर पर कार सहित 17 लाख रुपये के सामान उपहार स्वरूप भेंट किये गये। शादी के बाद मोना अपने ससुराल किशनपुर आई। जहां ससुराल आने के बाद से ही और दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। पीड़िता को डेढ़ साल की बच्ची है इसके बाद भी ससुरालवाले 10 लाख रुपये की मांग करने लगे और नहीं देने पर प्रताड़ित करना जारी रखा। शादी के बाद पति भी बाहर कमाने के लिए चला गया। दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर पति भी पत्नी से बात करना छोड़ दिया। शारिरीक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बावजूद पीड़िता ससुरास से नहीं भागी तब उसे ससुरालवालों ने घर में कैद कर बाहर से ताला लगा दिया।
इसी बीच जब पीड़िता के पिता गौरी शंकर चौधरी अपने बेटे के साथ बेटी को देखने पहुंचे तब उन्हें मिलने नहीं दिया गया। जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से घर का ताला तोड़ा गया और पीड़िता को मुक्त कराया गया। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी बीटेक पास है। परिवार के साथ वे दिल्ली में रहते थे। बेटी के ससुरालवाले भी दिल्ली में रहते थे। दिल्ली में ही शादी हुई थी। इस दौरान कार और 17 लाख रुपये उन्होंने बेटी की शादी में दिए थे। शादी के तीन साल बाद फिर से 10 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। इसे लेकर बेटी को काफी प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुर विक्रम चौधरी, सास आभा देवी, ननद राखी कुमारी और चांदनी कुमारी द्वारा जान से मारने की साजिश रची गयी। यही कारण है कि उसे भूखे प्यासे घर में कैद करके रखा गया। खाना मांगने पर अक्सर मारपीट की जाती थी। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों के मदद से बेटी को रिहा कराया गया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।