NHAI Bhagalpur : बाहर से चमकदार, अंदर से जर्जर, इस पुल पर कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा; ओवरटेकिंग पर 10 हजार का जुर्माना Bihar crime : पति-पत्नी की खलिहान में गला काटकर हत्या, आपसी विवाद की आशंका Rabri Devi residence : 'न जाने कौन सी माया ...', राबड़ी देवी का 10 सर्कुलर रोड बंगला खाली करने पर सियासत गरम, JDU ने कहा - सरकारी संपत्ति का ध्यान रखें CBI raid : बिहार में CBI की बड़ी छापेमारी, 10 साल से फरार ठगी का मुख्य आरोपी गिरफ्तार Dharma Parivartan : बहला-फुसलाकर हिन्दुओं का करवाया जा रहा था धर्म परिवर्तन, स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस पर हुई घर वापसी Patna property : पटना में जमीन की खरीद-बिक्री में कमी, जानिए क्या है असली वजह; यह लक्ष्य भी नहीं हो रहा पूरा Bihar Anganwadi : बिहार के आंगनबाड़ी केंद्र होंगे आधुनिक, बायोमैट्रिक अटेंडेंस से जुड़े; पटना में होगा यह बदलाव Vaibhav Suryavanshi : 14 साल के वैभव सूर्यवंशी को राष्ट्रपति से मिलेगा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, पीएम मोदी से भी करेंगे मुलाकात Bihar Government suggestions : बिहार में नई शुरुआत, अब नीतीश कुमार जनता से पूछेंगे कैसे चलाना है 'सरकार'; आप भी भेजें अपना सुझाव Bihar CCTV camera : बिहार में अब गांव की गलियों तक CCTV कैमरा, आम लोग भी काट सकेंगे चालान; जानिए क्या है पूरा प्लान
03-Feb-2021 09:19 AM
PATNA : सरकार की तरफ से खर्च किए गए 26 हजार करोड़ों रुपए का हिसाब नहीं मिल पा रहा है. अलग-अलग विभागों की तरफ से खर्च की गई 26 हजार करोड़ रुपए की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर पटना हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. पटना हाई कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए महालेखाकार और राज्य सरकार को एक साथ तलब किया है.
आपको बता दें कि सरकारी खजाने से खर्च की गई राशि के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए इस मामले को लेकर एक ही याचिका पटना हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ता रंजीत पंडित ने आशंका जताई कि सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की पीठ ने खुद इसकी सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में महालेखाकार और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने हाईकोर्ट को बताया कि साल 2003 से लेकर अब तक कई विभागों ने उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया यह विभाग केवल खर्च करते हैं लेकिन खर्च किस तरह और कहां की है इसका हिसाब नहीं दिया जाता है.
पटना हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए अब जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि 18 महीने के किसी भी वैसे संबंधित प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है .लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक के अगर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया तो यह वाकई गंभीर आशंका को पैदा करता है.