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20-Jul-2023 07:54 AM
By First Bihar
BANKA : बिहार में सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के साथ ही साथ शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाने का दावा हर बार राज्य सरकार के तरफ से किया जाता है। इसको लेकर सरकार के तरफ से मिड डे मिल योजना भी चलाई जा रही है। लेकिन, इसके बाबजूद आए दिन सरकार के इन दावों की पोल खुलती रहती है। मिड डे मिल योजना की खानों में कभी छिपकिली गिरी हुई पायी जाती है तो कभी कीड़े नजर आते हैं। जिससे सैकड़ो बच्चों के बीमार होने की भी खबरें सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बांका से निकल कर सामने आ रहा है। जहां मध्य विद्यालय के एमडीएम खाने के बाद 93 बच्चे बीमार पड़ गये।
दरअसल, मध्यान भोजन खाने की वजह से आए दिन बच्चे अस्पताल पहुंच जा रहे हैं। ऐसे में ताजा मामला बांका जिले का है। जहां रजौन थाना क्षेत्र के खैरा पंचायत अंतर्गत प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर में बुधवार को एमडीएम खाने के बाद 93 बच्चे बीमार पड़ गये। भोजन में छिपकली की आशंका जतायी गयी। हालांकि, इस बात का जिला प्रशासन ने खंडन किया है। जिला प्रशासन के अनुसार सभी बच्चे आशंका के शिकार हो गये।
बताया जा रहा है कि, मध्य विद्यालय आनंदपुर में बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में रजौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां सभी बच्चे प्राथमिक जांच व उपचार किया गया। इस घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में काफी हंगामा किया. कुछ ग्रामीणों ने शिक्षकों के साथ हाथापाई भी की है। ग्रामीणों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों व रसोईया पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं अस्पताल से सभी बच्चों को छुट्टी दे दी गयी है।
इधर, इस घटना पर जिला प्रशासन की ओर से भोजन में छिपकली या विषाक्त पदार्थ होने का खंडन किया। जिला प्रशासन के तरफ से यह कहा गया है कि सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन प्रतिदिन 12:40 में कराया जाता है और भोजन बच्चों को खिलाने से पहले प्रधानाध्यापक और रसोईया सर्वप्रथम खाते हैं। बांका के डीएम अंशुल कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय बीडीओ ने त्वरित जांच की. एमडीएम में छिपकली की आशंका थी, लेकिन जांच में यह बात नहीं पायी गयी। सभी बच्चे स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गयी है।