Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला Bihar Election 2025: ‘बिहार के बच्चे ट्रेनों में धक्के खा रहे हैं’, प्रशांत किशोर का पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला एक बोरी सिक्का लेकर बेटी को स्कूटी दिलाने पहुंचा पिता, शोरूम के कर्मचारियों ने किया स्वागत Bihar News: बिहार में चेकिंग के दौरान CRPF जवानों और दारोगा के परिवार के बीच मारपीट, बीच सड़क पर खूब चले लात-घूंसे; वीडियो वायरल Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा Bihar Election 2025: ‘सरकार बनी तो 20 महीने में चीनी मिल चालू करेंगे’, दरभंगा में तेजस्वी यादव की बड़ी घोषणा मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा का जहानाबाद में जनसंपर्क, कहा- CM नीतीश के नेतृत्व में विकसित बिहार का सपना हो रहा साकार Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया Bihar Election 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की दहाड़, नाम लिए बिना पाकिस्तान को कुत्ते की पूंछ बताया देश मे अमन शांति बनाए रखने के लिए महागठबंधन की सरकार जरूरी: मुकेश सहनी
04-Aug-2024 03:28 PM
By First Bihar
ARARIA: बिहार में पुलों के ध्वस्त होने को लेकर हंगामा मचा हुआ है। लगातार पुलों के ध्वस्त होने पर विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है तो दूसरी तरह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के साथ साथ एनएचआई और राष्ट्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसी बीच अररिया में पुल से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। ग्रामीण कार्य विभाग के इस कारनामें से इलाके के लोग हैरान हैं।
दरअसल, बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग का कारनामा देखकर ग्रामीण दांतों तले ऊंगलियां दबाने को विवश हो गए हैं। विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर नदी की जगह पुल का निर्माण बीच खेत में कर दिया है। ग्रामीणों की मानें तो लाखों रुपए की लागत से बने इस पुल की कोई जरुरत नहीं थी। पुल का निर्माण नदी पर होना चाहिए था लेकिन उसकी जगह खेत के बीचोबीच पुल बना दिया गया, जो शोभा की वस्तू बनकर रह गई है।
पूरा मामला रानीगंज विधानसभा अंतर्गत परमानंदपुर सर्द संख्या 6 का है, जहां ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा पुल का निर्माण खेत में करवा दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 6 महीने पहले पुल का निर्माण करवाया गया था, जो निजी जमीन पर बनवाया गया है। जिस जगह पर पुल बना है वहां नदी है ही नहीं बल्कि नदी उससे काफी दूर है।
ग्रामीणों ने कहा कि कुछ बिचौलियों की मिलीभगत से उक्त स्थान पर पुल बना दिया गया और उसे सड़क से भी नहीं जोड़ा गया है और न ही अप्रोच का निर्माण करवाया गया है। जिससे पुल किसी काम का नहीं है। एक ग्रामीण ने कहा कि पुल जहां बना है उसके बाद ग्रामीणों की लगभग 500 एकड़ जमीन है। अगर सही ढंग से पुल का निर्माण होता तो ग्रामीण खेतों तक आसानी से पहुंच सकते थे।