Bihar Election 2025: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’, फर्स्ट फेज की वोटिंग खत्म होने के बाद मुकेश सहनी का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’, फर्स्ट फेज की वोटिंग खत्म होने के बाद मुकेश सहनी का दावा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद आरजेडी ने पार्टी नेताओं से की खास अपील, कौन सी बात का सता रहा डर? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद आरजेडी ने पार्टी नेताओं से की खास अपील, कौन सी बात का सता रहा डर? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद चिराग पासवान का बड़ा दावा, क्या बोले लोजपा (रामविलास) चीफ? Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद चिराग पासवान का बड़ा दावा, क्या बोले लोजपा (रामविलास) चीफ? Bihar Election 2025: ‘बिहार में नई ताकत बनकर उभरेगा जनशक्ति जनता दल’, तेज प्रताप यादव ने महुआ में अपनी जीत का किया दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में नई ताकत बनकर उभरेगा जनशक्ति जनता दल’, तेज प्रताप यादव ने महुआ में अपनी जीत का किया दावा Bihar Election 2025 : बिहार में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग किसकी डुबोएगी नैय्या ? इससे पहले इस साल हुआ था बंपर वोटिंग, किसकी बनी थी सरकार MUZAFFARPUR: कांटी में JDU प्रत्याशी पर मारपीट का आरोप, पारू में जन सुराज प्रत्याशी ने महागठबंधन के उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाये
02-Jun-2021 08:44 PM
PATNA : सरकार की कृपा से बिहार के पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि तो बच गये. परामर्शी समिति के सहारे ही सही उनका पद औऱ रूतबा बच गया. लेकिन बिहार विधान परिषद के 19 सदस्य फंस गये हैं. अगले महीने यानि जुलाई से उनके पदनाम के सामने पूर्व लग जायेगा. पावर से लेकर सुख सुविधा सब खत्म.
स्थानीय प्राधिकार कोटे के एमएलसी फंस गये
बिहार विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे से 24 विधान पार्षदों का निर्वाचन होता है. हर 6 साल पर उनका चुनाव होता है. 2015 में 24 एमएलसी का चुनाव हुआ था. 15 जुलाई 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है. लिहाजा उससे पहले फिर से चुनाव कराया जाना था. लेकिन अब उनका चुनाव टल जायेगा. इस चुनाव के वोटर ही नहीं रहेंगे. पंचायती राज प्रतिनिधियों का कार्यकाल ही समाप्त हो जायेगा तब चुनाव होने की कोई संभावना ही नहीं बची.
19 MLC हो जायेंगे पूर्व
हालांकि स्थानीय प्राधिकार कोटे से 24 एमएलसी चुन कर आते हैं लेकिन फिलहाल इस कोटे के 19 विधान पार्षद ही हैं. 24 में से तीन पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक चुन लिये गये हैं. इनमें दिलीप राय, मनोज यादव और रीतलाल यादव शामिल हैं. तीनों ने विधान परिषद ने इस्तीफा दे दिया था. उधर स्थानीय प्राधिकार से चुने गये दो एमएलसी की मौत हो चुकी है. 2015 के चुनाव में दरभंगा से निर्वाचित हुए सुनील कुमार सिंह औऱ समस्तीपुर से विधान पार्षद बने हरिनारायण सिंह का निधन कोरोना के कारण हो चुका है. लिहाजा स्थानीय प्राधिकार कोटे के फिलहाल 19 एमएलसी ही हैं. उनका कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो जायेगा.
स्थानीय निकाय कोटे से विधान पार्षद बनने वालों में से तीन ऐसे हैं जो लगातार तीन दफे से विधान पार्षद चुने जाते रहे हैं. मुजफ्फरपुर से दिनेश सिंह, पश्चिम चंपारण से राजेश राम औऱ नवादा से सलमान रागिब तीन दफे से विधान पार्षद चुने गये है. 18 साल से लगातार एमएलसी रहने के बाद उनके पदनाम के आगे पूर्व लगने वाला है.
कई उम्मीदवारों के सपने पर भी पानी फिरा
वैसे स्थानीय निकाय प्राधिकार से इस दफे होने वाले चुनाव की तैयारी में ढ़ेर सारे नेता लगे थे. बिहार की सियासत में ये चर्चा आम है कि ये चुनाव पैसे का खेल होता है. लिहाजा कई धनबली से लेकर विधान सभा चुनाव में मात खाये नेता विधान परिषद चुनाव में किस्मत आजमाने की तैयारी में थे. सारी व्यवस्था भी की जा रही थी. लेकिन उनके अरमानों पर भी फिलहाल पानी फिर गया है.