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30-Nov-2023 08:03 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि - एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने इसके खिलाफ हैं। जो इसके पक्ष में नहीं है उन्हें जाकर समझाइए कि शराब बहुत खराब चीज है इसका सेवन नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में शराबबंदी का सर्वेक्षण राजभर में करने का निर्देश दिया था। इसके बाद अब इसको लेकर मद्य निषेध उत्पादन और पंजीकरण विभाग तैयारी में जुट गई है।
दरअसल, बिहार में लागू शराबबंदी कानून को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा यह मानता है नीतीश कुमार का यह फैसला बिल्कुल सही है। वहीं एक तबका लगातार शराब की अवैध बिक्री और हो रही मौतों को लेकर इस कानून को हटाने के पक्ष में है। ऐसे में अब नीतीश कुमार की सरकार शराबबंदी को लेकर भी घर-घर सर्वे कराने जा रही है। इसको लेकर मद्य निषेध उत्पाद और पंजीकरण विभाग तैयारी में जुट गई है। माना जा रहा है कि दिसंबर के मध्य में यह सर्वेक्षण राज्यभर में शुरू हो जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान सरकार यह जानेगी कि राज्य में कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने नहीं।
मद्य निषेध निषेध उत्पाद और पंजीकरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा है कि सर्वेक्षण के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए उत्पाद शुल्क और अन्य विभागों में विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जा रही है। सर्वे में कुछ एजेंसियां भी शामिल होंगी और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। सर्वेक्षण अस्थायी रूप से दिसंबर के मध्य से शुरू होने की संभावना है।
वहीं, इस अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण के लिए एक प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसमें लोगों से प्रतिक्रिया ली जाएगी कि क्या वे शराबबंदी के समर्थन में हैं या नहीं? पारिवारिक आय, परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और कुछ अन्य प्रश्न भी शामिल होंगे। प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बता दें कि, इससे पहले साल 2023 की शुरुआत में बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (जीविका) के सहयोग से चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा शराबबंदी के प्रभाव पर एक सर्वेक्षण किया गया था। यह सर्वे राज्य के सभी जिलों के 534 ब्लॉकों के 3300 गांवों में किया गया था, जिसमें 10 लाख 22 हजार 467 लोगों को शामिल किया गया। सर्वे के दौरान पता चला कि 1.82 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया था। यह भी पता चला कि 99% महिलाएं शराबबंदी के पक्ष में थीं जबकि 92% पुरुष शराबबंदी के पक्ष में थे।