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03-May-2023 02:05 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में राज्य सरकार के तरफ से अपने खर्चे पर जाति आधारित गणना कराई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर जातीय गणना पर रोक लगाने के लिए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। फैसले को सुरक्षित रखा गया है। इस मामले पर कल गुरुवार को फैसला आएगा।
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कृष्णन विनोद चंद्रन की बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रखा। अब इस पर फैसला कल सुनाई जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट में इस मामले को सुनवाई के लिए भेजा था। मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने पूछा कि जातीय गणना कराने का मुख्य मकसद क्या हैं? जातीय गणना कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं?
पटना हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या जातीय गणना कराने के लिए किसी तरह का कानून भी बना है? पटना हाईकोर्ट के इस सवाल का जवाब महाधिवक्ता पीके शाही ने दी। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जातीय गणना करा रही है। जिससे गरीबों के लिए नीतियां बनाने में सरकार को आसानी होगी।
गौरतलब है कि जाति आधारित गणना दो चरणों में बिहार में हो रहा है। पहले चरण में मकानों की गिनती की गयी वही दूसरे फेज में घर-घर जाकर 17 सवाल किये जा रहे हैं। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ जो 15 मई तक चलेगा। बिहार सरकार के आदेश पर जातीय गणना का काम बिहार में हो रहा है। वही जातीय आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि जनगणना कराना केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। राज्य सरकार इसे नहीं करा सकती। मामला बिहार से जुड़ा होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में भेज दिया। इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली गयी है। कल पटना हाईकोर्ट इस मामले पर फैसला सुनाएगी।