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बिहार में गजब की चोरी: बांध में लगे 30 लाख के पत्थर उड़ा गये चोर, कुंडघाट डैम में हो रहा चोरी के बोल्डर का इस्तेमाल

बिहार में गजब की चोरी: बांध में लगे 30 लाख के पत्थर उड़ा गये चोर, कुंडघाट डैम में हो रहा चोरी के बोल्डर का इस्तेमाल

28-Aug-2023 04:08 PM

By Dhiraj Kumar Singh

JAMUI: बिहार के चूहे कभी बांध कुतरने तो कभी शराब पीने के लिए बदमना है लेकिन बिहार में अब आहर का बांध चोरी होने का मामला सामने आया है। मामला जमुई जिला अंतर्गत सिकंदरा थाना क्षेत्र के कुमार गांव से जुड़ा हुआ है। जहां के गमोखर आहर के बांध पर तकरीबन 500 मीटर तक पिचिंग किए गए बोल्डर की चोरी कर ली गयी है। गमोखर आहर के 500 मीटर लंबे बांध से बोल्डर की चोरी कोई एक दिन में नहीं हुई बल्कि पिछले 20-25 दिनों से लगातार दिन के उजाले में जेसीबी, ट्रैक्टर और ट्रकों के जरीये पुलिस और लघु सिंचाई विभाग की नाक के नीचे से बोल्डर की चोरी होती रही लेकिन जानकारी के बावजूद लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं व पुलिस पदाधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा। 


बोल्डर चोरी के घटना की जानकारी मिलने के बाद 10 अगस्त को लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता धर्मेंद्र कुमार भारती ने बोल्डर चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सिकंदरा थानाध्यक्ष को विभागीय पत्र भेजा गया था। इसके बावजूद सिकंदरा पुलिस ने 10 दिनों तक मामले की प्रारंभिक जांच करने की भी जरूरत नहीं समझी। मामले का खुलासा तब हुआ जब 20 अगस्त को एएसआई योगेंद्र यादव मामले की जांच करने कुमार गांव स्थित गमोखर आहर पहुंचे। जहां दिन के उजाले में जेसीबी द्वारा बोल्डर को बांध से उखाड़ कर ट्रैक्टर द्वारा आहर के बाहर खेत में जमा किया जा रहा था। जिसके बाद पुलिस ने बोल्डर चोरी में लिप्त जेसीबी व ट्रैक्टर को जब्त कर लिया। इस मामले में एएसआई योगेंद्र यादव ने जेसीबी और ट्रैक्टर के मालिक और चालक समेत बोल्डर चोरी में शामिल अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी। 


500 मीटर लंबे बांध से बोल्डर चोरी के मामले में लघु सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों समेत दो थानों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। वहीं बोल्डर चोरी के इस हाई प्रोफाइल मामले में कुमार गांव के कई ग्रामीणों के संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है। बता दें कि लघु सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 में कुमार गांव स्थित गमोखर आहर में 82 लाख की लागत से जीर्णोद्धार का कार्य किया गया था। इस दौरान लगभग 500 मीटर लंबे बांध की सुरक्षा व मजबूती को लेकर 9.70 लाख की लागत से बोल्डर पिचिंग का कार्य कराया गया था। आज की तारीख में बोल्डर की कीमत 30 लाख के आसपास आंकी जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक 26 जुलाई से ही बोल्डर की ढुलाई प्रारंभ हो गयी थी। दिन के उजाले में जेसीबी द्वारा बांध पर पिचिंग किए बोल्डर को उखाड़ कर ट्रैक्टर के माध्यम से उसे आहर से निकाल कर बगल के खेत में रखा गया था। 


जिसके बाद रात के अंधेरे में बोल्डर की ट्रक के द्वारा ढुलाई की जाती थी। चोरी के बोल्डर लदे ट्रकों के सिकंदरा व लछुआड़ थाना क्षेत्र से गुजरने की बात सामने आ रही है। इसी दौरान 10 अगस्त को लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता के द्वारा विभागीय पत्र के माध्यम से आहर से उखाड़ कर बगल के खेत में जमा किए गए बोल्डर की फोटो संलग्न करते हुए सिकंदरा थाना को चोरी की सूचना दी गयी। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्ति के चोरी होने की सूचना के बाद भी पुलिस 10 दिनों तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। 20 अगस्त को पुलिस मामले की प्रारंभिक जांच के लिए कुमार गांव पहुंची तब तक बांध पर पिचिंग किए गए अधिकांश बोल्डर की चोरी हो चुकी थी। 


बोल्डर चोरी मामले में विभागीय अधिकारियों की भूमिका पहले दिन से ही संदिग्ध दिखायी पड़ रही है। विभागीय पत्र के माध्यम से लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता धर्मेंद्र कुमार भारती ने पुलिस को बोल्डर चोरी की सूचना एक विभागीय कर्मी के हाथों भेज कर अपने कर्तव्य की इति श्री कर ली। उसके बाद बोल्डर चोरी की घटना की जानकारी होने के बावजूद विभाग के किसी पदाधिकारी ने न तो गमोखर आहर जाने की जरूरत समझी और कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में ना ही जिला या पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना देने की जहमत ही उठायी। इतना ही नहीं पुलिसिया कार्रवाई में जेसीबी व ट्रैक्टर जब्त होने के बावजूद लघु सिंचाई विभाग के द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने में आनाकानी की जाती रही। 


जिसके बाद मजबुरीवश पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करनी पड़ गई। 23 अगस्त को जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगायी। जिसके उपरांत कनीय अभियंता अनुज कुमार सिंह के द्वारा इस मामले में दूसरी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। बोल्डर चोरी मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच में जुट गयी है। प्राथमिक अनुसंधान में चोरी हुए बोल्डर का इस्तेमाल निर्माणाधीन कुण्डघाट डैम में होने की आशंका जतायी जा रही है। विदित हो कि लछुआड़ थाना क्षेत्र के कुण्डघाट में 185 करोड़ की लागत से डैम का निर्माण कार्य चल रहा है। डैम में फिलहाल बोल्डर पिचिंग का कार्य चल रहा है। 


आशंका जतायी जा रही है कि कुमार गांव से चोरी हुए बोल्डर का उपयोग कुण्डघाट डैम में किया गया है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सौरभ, पुलिस निरीक्षक श्रीकांत कुमार, थानाध्यक्ष विजय कुमार व केस के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक जयप्रकाश तिवारी ने कुण्डघाट पहुंच कर मामले की जांच की। इस दौरान कुण्डघाट में कई स्थानों पर मिट्टी लगा हुआ पुराना बोल्डर बिछा हुआ नजर आया। जिसके बाद पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए मिट्टी लिपटे बोल्डर के कुछ टुकड़ों को जब्त कर लिया है। 


इस दौरान अंचलाधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक जांच के माध्यम से बोल्डर में लगे मिट्टी का मिलान गमोखर आहर के मिट्टी से किया जाएगा। इस संबंध में सूबे के भवन निर्माण मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कुमार गांव से बोल्डर चोरी कर किसी अन्य निर्माण कार्य में उसके इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के द्वारा इस मामले की जांच को लेकर एक टीम का गठन किया गया है। इस मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।