Bihar News: बिहार में यहाँ फोरलेन सड़क के लिए नए सिरे से जमीन अधिग्रहण, लंबे समय से रुका काम जल्द होगा पूरा SCERT : SCERT ने बदला बिहार स्कूल परीक्षा कार्यक्रम, सातवीं-आठवीं की गणित और सोशल साइंस परीक्षा स्थगित Bihar News: बिहार में 4 महत्वपूर्ण ट्रेनों का आरा तक हुआ विस्तार, यात्रियों को बड़ी राहत.. Bihar STET Latest News : बिहार में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए बड़ी निराशा, STET फॉर्म स्थगित Bihar Crime News: बिहार में बैंक से पैसे निकालकर लौट रहे दंपती से लाखों की लूट, महिला घायल JP Nadda in Bihar: बिहार पर BJP की ख़ास नजर, मोदी से पहले आज नड्डा आ रहे पटना; मीटिंग के बाद CM नीतीश के साथ होगी सीट बंटवारे पर बात BPSC 71st Exam: बीपीएससी की 71वीं परीक्षा आज, एग्जाम देने से पहले पढ़ लें यह खबर Bihar Weather: आज बिहार के 25 से ज्यादा जिलों में होगी वर्षा, मौसम विभाग की चेतावनी जारी Bihar News: बिहार के इस शहर के लिए रांची से हवाई सेवा शुरू, सप्ताह में तीन दिन होगी उड़ान लुधियाना में सीतामढ़ी की बेटी की दर्दनाक मौत, शादी के दबाव में आकर केमिकल टैंक में कूदकर दी जान
09-Jul-2021 07:31 AM
PATNA : बिहार में सीआईडी यानी अपराध अनुसंधान विभाग का अधिकार बढ़ाने की तैयारी चल रही है। सीआईडी को जल्द ही यह अधिकार मिलेगा की वह खुद मामले दर्ज करे और आरोपियों की गिरफ्तारी भी करे। सरकार इसपर गंभीरता से विचार कर रही है कि सीआईडी के लिए अलग थाना खोला जाए। इस फैसले पर मुहर लगी तो बिहार पुलिस की अन्य एजेंसियों की तरह सीआईडी में भी एफआईआर दर्ज होगी।
फिलहाल सीआईडी किसी मामले की केवल जांच की जिम्मेदारी संभालती है। अपराध अनुसंधान विभाग अभी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकता। इसकी वजह अपना थाना नहीं होना है। जिलों में दर्ज होनेवाले आपराधिक मामलों का अनुसंधान अपने जिम्मे लेने का उसे अधिकार है। सीआईडी किसी मामले मि जांच अपने नियंत्रण में लेती है तो आईओ जिला पुलिस का ही होता है लेकिन सुपरविजन सीआईडी करती है। आईओ भी सीआईडी के नियंत्रण में रहता है।
देश के कुछ राज्यों में पहले से इस तरह की व्यवस्था है। ओडिशा और कर्नाटक जैसे राज्यों में सीआईडी को यह अधिकार मिला हुआ है कि वह केस दर्ज करे। बिहार पुलिस के अधीन एंटी टेररिज्म स्क्वॉयड (एटीएस), आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का भी अपना थाना है। यदि सीआईडी के लिए थाना खोलने की मंजूरी मिलती है तो उसके द्वारा भी एफआईआर दर्ज कर कांडों का अनुसंधान किया जा सकता है।