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06-Jun-2022 10:52 AM
PATNA: बिहार सरकार के नेशनल पेंशन स्कीम के तहत मृतक कर्मचारी के परिजनों को पुरानी पारिवारिक पेंशन योजना का लाभ दे सकती है। इसकी नियमावली बनाने के लिए वित्त विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई। जहां कमेटी अपनी रिपोर्ट जून के अंत में राज्य सरकार को सौपना होगा। वहीं, नए बदलाव को लेकर मृतक कर्मचारियों के परिवार वालों को आखिरी वेतन भुगतान की 50 फीसदी राशि पेंशन के तौर पर दी जाएगी।
हालांकि, इसका लाभ नए नियुक्ति होने वाले कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों को पहले ही ऑपशन चुनना पड़ेगा। वैसे, भविष्य में एनपीएस के तहत आने वाले पुराने कर्मचारियों के आश्रितों को भी इसका लाभ मिलेगा। क्योंकि केंद्र ने नए और पुराने सभी कर्मियों को यह फायदा दिया है। केंद्र ने एनपीसी के तहत आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके परिवार को पुरानी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली पारिवारिक पेंशन देने के लिए पेंशन नियम में संशोधन किया गया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के कारण केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के पेंशन में कई बदलाव किये थे। कर्मचारियों के मौत होने के बाद अब पेंशन पाने के लिए सात साल की न्यूनतम सर्विस की शर्त रखी गई है। पहले प्रावधान था कि पेंशन पाने के लिए किसी भी स्थिति में दस साल की सेवा जरूरी है। लेकिन, अब मौत होने पर पारिवारिक पेंशन के लिए सात साल की सेवा की शर्त रखी गई है। ऐसे में उनके परिजनों को आखिरी पेमेंट का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर दी जाएगी। कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में इस आशय का आदेश भी जारी किया है।
कर्मचारी की मौत किसी कारण से हो जाती है तो उसके आश्रित को 7 साल का 50 फीसदी और महंगाई भत्ता बतौर पेंशन मिलेगी। 7 साल के बाद बेसिक का 30% और महंगाई भत्ता मिलेगा। यानी की अगर किसी कर्मचारी की मौत के समय बेसिक 50 हजार है तो आश्रित को 25 हजार और महंगाई भत्ता 7 साल तक दिया जाएगा। सात साल के बाद बेसिक का 30 फीसदी यानी 15 हजार और महंगाई भत्ता पेंशन के रूप में दिया जाएगा।