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Bihar Land Survey: भूमि सर्वे को लेकर बड़ी खबर...90 दिनों की समय सीमा को किया शिथिल, राजस्व विभाग के ACS ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को भेजा पत्र

Bihar Land Survey: भूमि सर्वे को लेकर बड़ी खबर...90 दिनों की समय सीमा को किया शिथिल, राजस्व विभाग के ACS ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को भेजा पत्र

02-Dec-2024 03:12 PM

By First Bihar

Bihar Land Survey:  बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. हालांकि विवाद बढ़ता देख सरकार ने सर्वे के काम को धीमा करा दिया है. पहले दावा किया जा रहा था कि विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जमीन सर्वे का काम पूरा कर लिया जायेगा. सरकार के इस ऐलान से सर्वे के काम में जबरदस्त तेजी आई. हालांकि जमीन संबंधी कागजात की अनुपलब्धता,कागजात को लेकर मची अफरा-तफरी से लोगों में भारी आक्रोश पनपा. जिससे सरकार डर गई. जिसके बाद सर्वे के काम ढीला करा दिया गया है. सोमवार को सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अंतिम अधिकार प्रकाशन के बाद दावा-आपत्ति की अवधि जो 90 दिनों की है, उसे भी शिथिल किया जाता है. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी को पत्र लिखा है. 

एसीएस ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारी को भेजा पत्र 

सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को भेजे पत्र में अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि अब तक विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के तहत अंतिम अधिकार अभिलेख प्रकाशित होने के तीन माह के भीतर ही दावा या आपत्ति दायर किए जाने का प्रावधान था. बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम के तहत अंतिम प्रकाशन की तिथि से 90 दिनों के भीतर कोई व्यक्ति किसी भूमि पर अपना अधिकार समझता हो वह अधिसूचित पदाधिकारी के समक्ष दावा कर सकता था. 90 दिनों की अवधि पूर्ण होने के बाद दावा स्वीकार नहीं किए जाने का प्रावधान था. लेकिन कई जिलों से इस संबंध में इस अवधि को शिथिल करने को लेकर मार्गदर्शन  मांगा जा रहा था. 

90 दिनों की अवधि को किया गया शिथिल

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि कई जिलों से अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के विरुद्ध दावा या आपत्ति की अवधि सामप्ति के बाद भी सुनवाई किए जाने को लेकर मार्गदर्शन मांगा गया था. इस संबंध में विधि विभाग से परामर्श मांगा गया. विधि विभाग ने अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के बाद अपनाई जाने वाली सुनवाई की अवधि को शिथिल करने की शक्ति प्रदत्त करने का परामर्श दिया है. इस आलोक में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत प्रपत्र-20 में अधिकार अभिलेख प्रकाशन किए जाने के बाद निर्धारित समय सीमा के बाद भी अगर कोई दावा या आपत्ति दर्ज किया जाता है तो उसे सही कारणों के आधार पर स्वीकार किया जा सकेगा.

पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट