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24-Sep-2021 09:58 AM
MADHUBANI : बिहार के मधुबनी में कोर्ट ने एक ऐसा अनोखा फैसला सुनाया है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है. दरअसल कोर्ट ने रंगदारी मांगने और नहीं देने पर शरीर पर बाइक चढ़ाने व चाकू से विपक्षी को जख्मी कर देने के दो आरोपियों को दलित समुदाय के पांच बच्चों को हर दिन आधा लीटर दूध देने की शर्त पर जमानत दी है.
मधुबनी जिले के झंझारपुर की निचली अदालत में एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) ने एक अनोखा फैसला सुनाया है. दरअसल, शिवजी मिश्रा और अशोक मिश्रा पर रंगदारी मांगने और नहीं देने पर शरीर पर बाइक चढ़ाने व चाकू से विपक्षी को जख्मी कर देने का आरोप था. आरएस ओपी में मामला (32/2021) दर्ज किया गया था. 22 मार्च 2021 को दोनों गिरफ्तार होकर न्यायिक हिरासत में आए थे. भगवान कुमार झा के आवेदन पर 28 फरवरी 2021 को विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी.
इन्हीं दोनों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अनुरोध किया था कि आरोपित 160 दिन से ज्यादा न्यायिक हिरासत में हैं. यह लोग किसान हैं. दूध उत्पादन और बेचने का काम करते हैं. जमानत पर रिहा होने के बाद सामाजिक सरोकार के कार्य को करने की इच्छा रखते हैं. सुनवाई के दौरान यह भी बात सामने आई थी कि शिव जी मिश्रा तीन गाय रखे हुए हैं. प्रत्येक गाय 5 लीटर दूध प्रतिदिन देती है. अशोक मिश्रा के पास दो गाय हैं. प्रतिदिन प्रति गाय 5 लीटर दूध देती है.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एडीजे ने 10 हजार के दो जमानतदार के अलावा तीन गाय रखने वाले आरोपित शिवजी मिश्रा को तीन दलित बच्चे को और दो गाय रखने वाले अशोक मिश्रा को दो दलित बच्चों को आधा लीटर प्रतिदिन गाय का दूध देने की शर्त पर जमानत दे दी.
आदेश में यह भी बताया है कि छह माह तक मुफ्त सेवा देने के बाद इन्हें बच्चों के माता-पिता से प्रमाण पत्र लेकर पंचायत के मुखिया, सरपंच, वार्ड, एमएलए आदि से प्रमाणित कराकर कोर्ट में जमा करना है. कोर्ट के अधिवक्ता अमित रंजन ठाकुर ने बताया कि एडीजे का यह आदेश कुपोषण को दूर करने की दिशा में भी एक कदम के रूप में देखा जा सकता है. कम से कम जमानत पर रिहा होने वाले लोग पांच बच्चों का कुपोषण को दूर करने में सक्षम होंगे.