ब्रेकिंग न्यूज़

जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप मुकेश अंबानी के समधी अजय पीरामल ने पटना साहिब में मत्था टेका, पहली बार किया पावन दरबार का दर्शन

बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का निधन, लंबे समय से थे बीमार

बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का निधन, लंबे समय से थे बीमार

02-Jan-2021 10:29 AM

DESK:  कांग्रेस के सीनियर नेता और बिहार के पूर्व राज्यपाल रहे बूटा सिंह का निधन हो गया है. वह लंबे समय बीमार चल रहे थे.  21 मार्च 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में सरदार बूटा सिंह का जन्म हुआ था. वह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शोक जताया है. 


ब्रेन हैमरेज के बाद हॉस्पिटल थे भर्ती

26 अक्टूबर को 86 साल के सरकार बूटा सिंह को ब्रेन हैमरेज हुआ था. जिसके बाद उनको दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. यही पर उनका इलाज चल रहा था. जिसके बाद आज उनका निधन हो गया है. 


5 नवंबर से 2004 से 29 जनवरी 2006 राज्यपाल

बूटा सिंह 5 नवंबर 2004 से 29 जनवरी 2006 तक बिहार के राज्यपाल रहे थे. फरवरी 2005 में एक बार ऐसा हुआ था कि किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. एलजेपी अपना सीएम बनाने को अड़ी थी और एनडीए अपनी सरकार बनाने की कोशिश में थी. ऐसे में तत्कालीन राज्यपाल बूटा सिंह ने 22 मई की आधी रात विधानसभा भंग कर दी थी. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया था, हालांकि उस साल बिहार को दोबारा चुनाव में उतरना ही पड़ा था. 

राजीव गांधी के थे करीबी

बूटा सिंह को पंजाब के बड़े दलित नेता के रूप में जाना जाता था. वह राजीव गांधी के काफी करीबी नेता थे. बूटा सिंह राजीव गांधी सरकार में गृह मंत्री भी रहे थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 1967 से लगातार पंजाब के रोपड़ चुनाव लड़ते आ रहे थे. 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार और 84 के सिख विरोधी दंगे थे तो पंजाब में चुनाव के हालात नहीं थे. जिसके बाद राजीव गांधी ने बूटा सिंह को पंजाब से राजस्थान भेज दिया था. मारवाड़ का इलाका और जालौर की सुरक्षित सीट पर बूटा सिंह ने आसानी से जीत दर्ज की. इस बार वह दो वर्षों तक कृषि मंत्री और फिर गृहमंत्री का पद संभालते रहे.