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25-Mar-2021 04:58 PM
PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहार विधानसभा में विधायकों को लात-जूते और थप्पड़ मारने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाएगी. बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और पुलिस के मुखिया एसके सिंघल ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेस कर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि जिन पुलिसवालों ने विधायकों के खिलाफ आवश्यकता से अधिक बल का प्रयोग किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि मंगलवार को बिहार विधानसभा में ऐतिहासिक घटना हुई थी. विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा बुलाई गई पुलिसबल की एक बड़ी टीम ने विपक्ष के विधायकों को घसीट-घसीट कर लात-जूते और घूंसों से मारा था. इस दौरान महिला विधायकों के साथ भी काफी बर्बरता की गई थी. यहां तक कि उनकी साड़ी तक खुलने की नौबत आ गई लेकिन पुलिसवालों ने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उन्हें बलपूर्वक घसीटते हुए सदन से बाहर फेंक दिया.
इस गंभीर मामले पर बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और डीजीपी एसके सिंघल ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेस किया. अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बिहार विधानसभा के परिसर में वहां के अध्यक्ष के आदेश पर बाहर से पुलिसबल को भेजा गया था. ताकि वे सदन में मार्शल को असिस्ट कर सके. लेकिन फिर भी अगर वहां किसी भी पुलिसवाले ने आवश्यकता से अधिक विधायकों के खिलाफ बल का प्रयोग किया तो उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन इसके लिए खुद विधानसभा के स्पीकर को ही कहना पडेगा क्योंकि ये उनके अधिकार क्षेत्र में आता है. अगर वो जांच की बात कहेंगे तब ही दोषी पुलिसवालों के खिलाफ एक्शन लिया जायेगा.
डीजीपी एसके सिंघल ने भी गृह सचिव की बात को दुहराते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर ही इस मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया फुटेज या अन्य किसी भी व्यक्ति के आरोपों को लेकर अब तक पुलिस की ओर से कोई भी जांच की पहल नहीं की गई है. चूंकि ये घटना विधानसभा में हुई और उन्होंने किया, जिन्हें खुद वहां के स्पीकर ने बुलाया. तो ऐसे में स्पीकर विजय सिन्हा के आदेश पर ही जांच या कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल विधानसभा में सरकार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पास कराने में लगी थी. पुलिस को असीमित अधिकार देने वाले इस विधेयक के खिलाफ विपक्ष के सारे विधायक अध्यक्ष के चेंबर के बाहर धरना पर बैठ गये थे. विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिस बुलायी औऱ पुलिस ने लोकतंत्र को रौंद डाला. पुलिस की पिटाई से कई विधायक घायल हुए. यहां तक की दो विधायक बेहोश भी हो गये.
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा में विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक पर चर्चा होनी थी. दिन के तीन बजे अध्यक्ष ने जैसे बिल पर चर्चा की अनुमति दी, सदन में हंगामा मच गया. राजद-कांग्रेस, माले समेत तमाम विपक्षी विधायकों ने इस विधेयक के विरोध में हंगामा खड़ा कर दिया. तमाम विपक्षी विधायक वेल में आ गये. भारी हंगामे के बीच अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को मार्शल आउट कराने का निर्देश दिया. विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर निकाला. इस बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर के सामने धरना पर बैठ गये. अध्यक्ष के कमरे को बाहर से बंद कर दिया गया. लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को अपने चैंबर के सामने से हटाने के लिए पुलिस बुला ली. पटना के डीएम-एसपी खुद विधानसभा पहुंचे औऱ पुलिस बल के साथ विधायकों को खदेड़ना शुरू कर दिया. करीब 100 विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स के सैक़ड़ों जवानों को भी बुला लिया गया था. पटना एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने विधायकों को पीटना शुरू कर दिया.
पुलिस की पिटाई से सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव बेहोश हो गये. विधायक सत्येंद्र यादव को पटक कर पुलिस ने पीटा. पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद सत्येंद्र यादव घायल हो गये. आरजेडी के विधायक सतीश दास औऱ माले विधायक सुदामा प्रसाद को भी पुलिस ने जमकर पिटाई की. सतीश दास भी पुलिस पिटाई से बेहोश हो गये. पुलिस ने दर्जनों विधायकों को बर्बर तरीके से पीटा. हद ये थी कि महिला विधायकों को भी नहीं छोड़ा गया. कई महिला विधायक अपने शरीर पर जख्म के निशान को दिखा रही थीं.