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05-Sep-2021 03:50 PM
PATNA : बिहार में बीजेपी और जेडीयू की सरकार चल रही है. दोनों पार्टियां गठबंधन के साथ सीएम नीतीश के नेतृत्व में सरकार चला रही हैं. लेकिन इस बीच एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे जानकार आप हैरान रह जायेंगे. दरअसल चौंकाने वाला ये मामला जेडीयू नेता के घर से चोरी स्कॉर्पियो गाड़ी से जुड़ा है, जिसे बीजेपी के सांसद के बेटे के पास से बरामद किया गया है. पुलिस ने जैसे ही गाड़ी बरामद कर इस मामले का पर्दाफाश किया, बिहार के सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है.
पूरा मामला बिहार के छपरा जिले का है. यहां मशरक थाना की पुलिस ने जेडीयू नेता के घर से चोरी हुई स्कॉर्पियो को बीजेपी सांसद के बेटे के पास से बरामद किया. बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह ने पिछले महीने 22 अगस्त को सारण जिले के मशरक थाना में यह रिपोर्ट लिखवाई थी कि मशरक थाना क्षेत्र के गोपालवाड़ी गांव स्थित उनके आवास से 20 लाख से ज्यादा रुपये की कीमती स्क्रोपियो गाड़ी चोरी हो गई है. जिसका नंबर बीआर 04 पीए 5356 है. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर संख्या 440/21 दर्ज कर एसआई अरूण प्रकाश को केस का आईओ बनाया और जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि बीजेपी सांसद के बेटे इस गाड़ी की सवारी कर रहे हैं.
जांच जब आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ कि यह गाड़ी यहां बिहार में नहीं बल्कि कर्नाटक में है. पुलिस ने जब लोकेशन खंगाला तो पता चला कि बेंगलुरु शहर में विजयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर में चोरी की गई यह स्कॉर्पियो है. जिस जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह की स्कॉर्पियो चोरी हुई, यह गाड़ी उनके बेटे संजय सिंह के नाम पर है. जब गाड़ी के कर्नाटक में होने की सूचना मिली तो संजय सैंघ भी खुद मशरक पुलिस के साथ वहां से गाडी लेने गए.
जब संजय सिंह मशरक की पुलिस को लेकर विजयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि चोरी की गई स्कॉर्पियो गाड़ी डॉ सचिन कुंद्रा के एजेन्सी में लावारिस हालत में पड़ी हुई है. पुलिस और संजय सिंह वहां से गाड़ी बरामद कर वापस छपरा लौट गए. गाड़ी अभी भी मशरक थाने में ही पड़ी हुई है. जिसे रिलीज करने की प्रक्रिया चल रही है.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर फर्स्ट बिहार की टीम ने जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह से फोन पर बातचीत की. कामेश्वर सिंह ने बताया कि वह सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू में राजनीतिक सलाहकार के सदस्य हैं. इससे पहले वे जेडीयू में प्रदेश उपाध्यक्ष और महासचिव के रूप में काम कर चुके हैं. पिछले एक दशक से ये जेडीयू में ही हैं. इन्होंने बताया कि साल 2010 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप ये इलेक्शन भी लड़ चुके हैं. इन्होंने खुद बताया कि छपरा में इनका एक पेट्रोल पंप भी है.
इस पूरे प्रकरण को लेकर फर्स्ट बिहार की टीम ने जब बीजेपी के सांसद से बातचीत की तो उन्होंने इस आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया. भाजपा एमपी ने कहा कि जिस जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह ने यह आरोप लगाया है, वह फ्रॉड हैं और धोखेबाजी कर रहे हैं. उनके पास कोई सबूत नहीं है. अगर उनके पास कोई साक्ष्य है तो वे मीडिया या पुलिस को दिखाएं.
इस मामले को लेकर जिले में ये भी चर्चा है कि जेडीयू नेता ने विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के लिए ये स्कॉर्पियो बीजेपी सांसद को गिफ्ट में दिया था. हालांकि इस बात से दोनों नेताओं ने साफ़ इनकार किया है. गाड़ी चोरी की घटना को लेकर दबी जुबान में ये भी चर्चा है कि गाड़ी दरअसल चोरी हुई ही नहीं थी. इस गाड़ी को कामेश्वर सिंह ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान 17 अगस्त को खुद बीजेपी सांसद को दिया था और इस गाड़ी का इस्तेमाल भाजपा सांसद चुनाव प्रचार में कर रहे थे. फिर उन्होंने इस गाड़ी को वापस नहीं किया और जबरदस्ती इसे अपने बेटे के पास बेंगलुरु भेज दिया, जो वहां डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है.
इस आरोप को लेकर जब भाजपा सांसद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह बेबुनियाद है. हां, ये सही है कि मेरा बेटा डॉक्टरी की पढाई कर रहा है. लेकिन मेरा बेटा बेंगलुरु में नहीं मैसूर में रहकर पीजी की पढ़ाई कर रहा है. जो आरोप कामेश्वर सिंह लगा रहे हैं, वो सब झूठ है. उनसे कागज मांगकर देख लीजिये. गाड़ी बरामदगी में किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है.