ब्रेकिंग न्यूज़

मुजफ्फरपुर में शिक्षक को पॉक्सो के तहत 3 साल की सजा, 6 वर्षीय बच्ची से बैड टच करने का था आरोप किशनगंज आवासीय विद्यालय में फूड पॉइजनिंग: 16 छात्राएं बीमार, एक की हालत नाज़ुक पटना में साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़: 25 मोबाइल-लैपटॉप के साथ 4 अपराधी गिरफ्तार बिहार के गृह मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान, कहा..लालू की प्रॉपर्टी सीज कर गरीब बच्चों के लिए खोलेंगे स्कूल मुजफ्फरपुर में बड़ी कार्रवाई: पोखरेरा टोल प्लाजा से 11 कार्टन अवैध शराब बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार पटना में धूमधाम के साथ मनाया गया TCH EDUSERV का स्थापना दिवस, स्कॉलरशिप योजना की हुई घोषणा पटना में पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: कदमकुआं–कोतवाली–गांधी मैदान सहित कई थानों के थानाध्यक्ष बदले, देखिये पूरी लिस्ट भाई वीरेंद्र के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में चार्जशीट दायर, राजद विधायक को हो सकती है 7 साल की सजा! 7 जिलों को जोड़ेगा आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे, 40 फीसदी पूरा हुआ बिहार के पहले हाई-स्पीड रोड नेटवर्क का काम Bihar Ias Transfer: बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का ट्रांसफर-पोस्टिंग, पूरी लिस्ट देखें...

भगवान राम पर विवादित बयान देने के बाद बैकफुट पर ओली, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी

भगवान राम पर विवादित बयान देने के बाद बैकफुट पर ओली, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी

14-Jul-2020 09:33 PM

DESK : भगवान राम को नेपाली बताने वाले प्रधानमंत्री ओली के विवादित बयान के बाद अब नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है. नेपाल के विदेश मंत्रालय की तरफ से अपने ही प्रधानमंत्री के विवादित बयान पर सफाई देते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री ओली का बयान किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़ा हुआ नहीं है. उनका मकसद किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था. प्रधानमंत्री का बयान अयोध्या और उसके सांस्कृतिक मूल्य को कम करने को लेकर नहीं दिया गया था.


दरअसल अयोध्या और भगवान राम को लेकर बयान देने के बाद प्रधानमंत्री ओली की चौतरफा आलोचना हो रही थी. नेपाल में हिंदुओं की तादाद सबसे ज्यादा है, इसलिए ओली खुद दबाव में थे.




नेपाल के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ओली के बयान को लेकर बजाप्ता एक प्रेस नोट जारी किया है. आपको बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने एक विवादित बयान देते हुए भगवान राम को नेपाली बताया था. ओली ने यहां तक कह दिया था कि असली अयोध्या नेपाल में है न कि भारत में है. ओली ने कहा था कि भगवान राम भारत के नहीं बल्कि नेपाल के राजकुमार थे, इसीलिए हमने सीता उन्हें दी.


नेपाली प्रधानमंत्री के इस बयान की आलोचना भारत के साथ-साथ उनके देश में भी हुई. जिसके बाद अब सफाई देकर इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ने का प्रयास ओली सरकार कर रही है.