Patna News: जेपी नड्डा के पहुंचने से ठीक पहले BJP दफ्तर के बाहर संविदा कर्मियों का प्रदर्शन, हंगामे के कारण बैठक का स्थान बदला Patna News: जेपी नड्डा के पहुंचने से ठीक पहले BJP दफ्तर के बाहर संविदा कर्मियों का प्रदर्शन, हंगामे के कारण बैठक का स्थान बदला BIHAR ELECTION : जेपी नड्डा का RJD पर हमला, कहा- ‘बिहार भय और अपहरण से निकलकर विकास की राह पर’ Special Intensive Revision: बिहार के बाद पूरे देश में SIR कराने की तैयारी, इस राज्य में चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों के साथ बैठक Special Intensive Revision: बिहार के बाद पूरे देश में SIR कराने की तैयारी, इस राज्य में चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों के साथ बैठक Bihar News: बिहार में शिक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में आएगा बड़ा बदलाव, तीन प्रमुख भवनों का उद्घाटन जल्द Patna news: बिहार के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पटना में ट्रैफिक चालान मामलों का निपटारा नहीं होने पर हंगामा Patna news: बिहार के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, पटना में ट्रैफिक चालान मामलों का निपटारा नहीं होने पर हंगामा Nepali Students in India: नेपाल के छात्र भारत में क्या पढ़ते हैं? जानिए... उनके फेवरेट कोर्स Patna Crime News: पटना में प्लेटफार्म कोचिंग के संचालक अरेस्ट, करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में हरियाणा पुलिस ने दबोचा
18-Jul-2021 11:18 AM
PATNA : बिहार कृषि विश्वविद्यालय में हुए नियुक्त घोटाले को लेकर भागलपुर पुलिस एक बार फिर से एक्शन में आ गई है. बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री और दिवंगत नेता मेवालाल चौधरी को मृत घोषित कर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की जा रही है. असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में घोटाला को लेकर भागलपुर पुलिस की ओर से सरकार और संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा गया है.
पिछले डेढ़ साल से पेंडिंग पड़े अभियोजन की स्वीकृति के बाद भागलपुर की पुलिस एक्शन में आई है. नियुक्ति घोटाले को लेकर पुलिस ने बिहार सरकार, सचिवालय और पुलिस मुख्यालय से पत्राचार करना एक बार फिर से शुरू कर दिया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर पुलिस नियुक्ति घोटाला के मुख्य आरोपी रहे बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को मृत दिखाते हुए चार्जशीट दाखिल कर सकती है. मामले में जल्द अभियोजन स्वीकृति देने की मांग की गयी है.
गौरतलब हो कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाला के मुख्य आरोपित मेवालाल चौधरी के विरुद्ध पुलिस ने अपनी जांच में आरोपों को सत्य पाया था. मामले की जांच कर रही एसआइटी ने भागलपुर पुलिस अधीक्षक को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी. चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति मांगी थी. वहीं भागलपुर एसएसपी द्वारा मामले में सरकार और संबंधित अधिकारियों से मेवालाल चौधरी सहित अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी.
आपको बता दें कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद डॉ मेवालाल चौधरी को पहला कुलपति नियुक्त किया गया था. साल 2012 में कृषि विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय से एफलियेटेड कॉलेजों के लिए 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गयी थी. नियुक्ति के दौरान साक्षात्कार के दौरान अनियमितता का मामला सामने आया था. इसमें तत्कालीन कुलपति पर चहेते अभ्यर्थियों को अधिक अंक देकर उनकी नियुक्ति करने का आरोप लगा था.
कई अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री सहित राज्यपाल को इस संबंध में पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की थी . राज्यपाल ने मामले में संज्ञान लेते हुए रिटायर्ड जज महफूज आलम के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया था. जांच कमेटी ने मामले में डॉ मेवालाल चौधरी पर लगाये गये आरोपों को सही पाया गया. राजभवन के निर्देश पर तत्कालीन कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह ने विवि के रजिस्ट्रार अशोक भगत को मामले में सबौर थाना में लिखित आवेदन देकर एफआइआर दर्ज कराने को कहा था.
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में जनता दल यूनाइटेड के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन हो गया था. मेवालाल चौधरी कोरोना संक्रमित थे और पटना के पारस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. 3 दिनों पहले तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था. कोरोना से लड़ते हुए जब उन्होंने दम तोड़ दिया, उसके बाद बिहार सरकार की व्यवस्था पर कई सारे सवाल खड़े हुए थे. दरअसल पूर्व मंत्री और तारापुर विधानसभा के जदयू विधायक डॉ० मेवलाल चौधरी तीन दिन पहले कॉरोना पॉजिटिव हुए थे. सीने में सांस की शिकायत के बाद पटना पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराये गए थे.