Bihar Crime News: बिहार में अपहरण के बाद नाबालिग लड़के की हत्या, बदमाशों ने मांगी थी 30 लाख की फिरौती Bihar Crime News: बिहार में अपहरण के बाद नाबालिग लड़के की हत्या, बदमाशों ने मांगी थी 30 लाख की फिरौती Champai Soren : पूर्व CM चंपई सोरेन हुए हाउस अरेस्ट, जमीन विवाद से जुड़ा है पूरा मामला Tejaswi Yadav: महाराष्ट्र और यूपी के बाद अब दिल्ली में तेजस्वी यादव के खिलाफ केस, पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी पड़ी भारी Tejaswi Yadav: महाराष्ट्र और यूपी के बाद अब दिल्ली में तेजस्वी यादव के खिलाफ केस, पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी पड़ी भारी NSA : अजित डोभाल के साथ काम करेंगे यह शख्स, CRPF-ITBP में रह चुके हैं DG Nikki Murder Case: निक्की हत्याकांड के आरोपी पति विपिन भाटी का एनकाउंटर, पैर में लगी गोली Nikki Murder Case: निक्की हत्याकांड के आरोपी पति विपिन भाटी का एनकाउंटर, पैर में लगी गोली Bihar Crime News: बिहार में मुखिया पति की दबंगई, बाइक चोरी के आरोप में युवक को जानवरों की तरह पीटा; वीडियो हुआ वायरल Bihar Crime News: बिहार में मुखिया पति की दबंगई, बाइक चोरी के आरोप में युवक को जानवरों की तरह पीटा; वीडियो हुआ वायरल
27-Apr-2023 08:53 PM
By FIRST BIHAR EXCLUSIVE
PATNA: जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में ही घमासान बढ़ता जा रहा है. महागठबंधन में शामिल पार्टी भाकपा(माले) ने आज बिहार के 300 प्रखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया. माले ने कहा कि सरकार को टाडा कानून लगा कर जेल में बंद कैदियों और शराबबंदी कानून के तहत कैद दलित-गरीबों की तत्काल रिहाई करनी चाहिये. माले ने बिहार के भूमिहीन लोगों का सर्वे कराकर उन्हें जमीन और मकान देने के लिए नया कानून बनाने की भी मांग की.
माले के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार दलित-गरीबों के सवालों पर उदासीन है. बिहार में सबसे कम मनरेगा मजदूरी है, और वृद्धों-विकलांगों-महिलाओं का पेंशन भी सबसे कम है. दलित-गरीबों और महिलाओं-बच्चियों पर बढ़ते हमले के प्रति भी सरकार असंवेदनशील है. भूख, गरीबी और कर्ज के दुष्चक्र में फंसकर आत्महत्याओं का दौर शुरू हो गया है लेकिन ये सवाल सरकार की चिंता में शामिल नही है.
माले के प्रदर्शन में प्रदर्शन में आनंद मोहन की रिहाई का भी मुद्दा उठाया गया. माले ने कहा है कि वह कैदियों की रिहाई में बिहार सरकार द्वारा अपनाई गई अपारदर्शी नीतियों और चुनिंदा लोगों की रिहाई का विरोध करती है. माले नेताओं ने कहा कि 22 साल से जेल में बंद टाडा बंदियों की अविलंब रिहाई होनी चाहिये. वहीं, शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद दलित-गरीबों को भी अविलंब रिहा करने की मांग की गयी.
खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि महागठबंधन सरकार को नया वास-आवास कानून पर गंभीरता से विचार करना होगा. सरकार कहती है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जाएगा, लेकिन आज पूरे राज्य में बरसो बरस से बसे दलित-गरीबों को उजाड़ा जा रहा है. राज्य में बुलडोजर राज की भाजपाई संस्कृति रोकनी होगी. बिहार के दलित-गरीब महागठबंधन सरकार से ऐसी ही उम्मीद करते हैं.
माले ने अपने प्रदर्शन में हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार का दर्जा देने, मनरेगा की मजदूरी 600 रुपए करने, दलित-गरीबों का बकाया बिजली बिल माफ करने, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 200 यूनिट फ्री बिजली देने की व्यवस्था करने की मांग की. वहीं, सभी दलित-गरीबों,मजदूरों-महिलाओं को कम से 3000 रुपए मासिक पेंशन की गारंटी करने, केंद्र सरकार द्वारा उज्ज्वला गैस की शुरुआती कीमत पर रसोई गैस की आपूर्ति करने, खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर करने, जन वितरण प्रणाली के तहत तेल, दाल, मसाले और चीनी की आपूर्ति करने, शिक्षा व स्वास्थ्य के निजीकरण पर रोक लगाने, महाजनी-संस्थागत ऋण की माफी, गरीबों को बिना जमानत के 5 लाख तक का ब्याज रहित लोन की व्यवस्था करने, ब्लॉक, बैंक और थाने के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग भी उठाई गईं.