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21-Jun-2020 10:42 PM
PATNA : डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर एडवांटेज डायलाॅग के ओपिनियन डैट मैटर्स कार्यक्रम में बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने आज हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि कुशल नेतृत्व टीम वर्क एवं बेहतर क्रियान्वयन रणनीति से कोविड-19 लाॅक डाउन के उपरांत बिहार में वापस आये मजदूर भाईयों की समूचित व्यवस्था सम्पन्न हो पाई.
कार्यक्रम की शुरू करने से पहले लद्दाख में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही उन्होंने अंग्रेजी में कहा कि ‘टीम वर्क इनश्योर्स ड्रीम वर्क’. उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान देश के कई राज्यों मेें फँसें बिहार के लाखों मजदूर भाईयों को वापस बिहार लाना, उन्हें समूचित रूप से क्वेरेन्टीन कर सुरक्षित उनके घर पहूँचाना सरकार के समक्ष एक गंभीर चूनौती थी. किन्तु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व, सही समय पर लिए गये निर्णय एवं विभिन्न स्तर पर समुचित कार्यान्वयन से यह दुष्कर कार्य सफलतापूर्वक किया जा सका. मुख्यमंत्री ने इस दौरान लगातार बैठकों में इस पूरे कार्य का स्वयं अनुश्रवण किया और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. इस कठिन अभियान में मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में क्राईसिस मैनेजमेन्ट ग्रुप की बैठकों में विभागीय सचिव, प्रधान सचिव और अपर मुख्य सचिव के साथ महत्वपूर्ण रणनीति बनाई गई, जिसे जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों के द्वारा जिला स्तर पर सही ढंग से कार्यान्वित कराया गया.
प्रत्यय अमृत ने बताया कि विभिन्न राज्यों से आने वाले मजदूर भाईयों के लिए सभी जिलों के प्रखण्डों में क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थापना की गयी थी. इन केन्द्रों पर आवासन एवं भोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु जिला स्तर के सभी अधिकारियों एवं कर्मियों की सराहनीय भूमिका रही. साथ ही इस दौरान सफाई कर्मियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने भी इस महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होनें बताया कि यह कार्य त्वरित रूप से कार्यान्वित हो इसके लिए जिला पदाधिकारियों, सम्बंधित अधिकारियों एवं राज्य स्तर पर वरीय पदाधिकारियों के साथ एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर सरकार स्तर पर लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों को उन तक पहूँचाया गया तथा पूरे कार्यान्वयन प्रक्रिया का सतत अनुश्रवण भी किया गया. मुख्यमंत्री द्वारा स्वंय प्रखण्ड स्तरीय क्वेरेन्टाईन सेन्टरों की व्यवस्था को विडियों काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा की गई और मजदूर भाईयों एवं उनके परिजनों से सीधे बात कर उनके समस्याओं को सुनकर निपटारा किया गया.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि प्रथम चरण में मजदूर भाईयों को बिहार लाया गया, जिनके लिए सीमा आपदा राहत केन्द्रों की स्थापना की गयी जहाँ उनके भोजन एवं आवासन की समुचित व्यवस्था की गयी. इन केन्द्रों से मजदूर भाईयों को उनके गांवों में पुनः भेजा गया. अमृत ने बताया कि इस पूरे बड़े अभियान के तहत देश के विभिन्न हिस्सों से 30 लाख से अधिक मजदूर भाईयों को ट्रेनों से बिहार लाया गया. पुनः उन्हें क्वारंटाइन सेंटर्स पर निर्धारित अवधि तक रखते हुए उन्हें उनके गंतव्य स्थान अपने गाॅवों तक सुरक्षित पहूँचाया गया. विभिन्न राज्यों मे फँसे मजदूर भाईयों को सम्पर्क करने हेतु राज्य स्तर पर उन्हीं राज्यों के निवासी वरीय पदाधिकारियों को जिम्मेवारी दी गई. जिससे मजदूर भाईयों को वापस लाने मं सहूलियत हुई.
उन राज्यों में फँसें मजदूर भाईयों से मोबाईल पर विडियों काॅन्फ्रेन्सिंग के जरिये बात कर उनका आधार कार्ड, मोबाईल नम्बर तथा बैंक खाता संख्या माँगा गया. फिर इसी सूचना के आधार पर इन 21 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार रूपये हस्तांतरित कर दिये गए. इससे इन मजदूर भाईयों को दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी हुई.
प्रत्यय अमृत ने बताया कि अपना काम छोड़ कर इस आपदा के समय में वापस आये इन मजदूर भाईयों के रोजगार के प्रति राज्य सरकार अत्यंत ही संवेदनशील है. उन्होंने जानकारी दी कि अभी इनमें से 750 से अधिक मजदूरों को बिजली कम्पनी के कार्यो में रोजगार दिया गया है तथा अन्य विभागों में अभी तक 2000 मजदूर भाईयों को रोजगार दिया जा चुका है. आगे उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार इन प्रवासी मजदूरों के रोजगार एवं सम्मान के प्रति काफी सजग है. उन्होंने कहा कि जो मजदूर काम पर वापस जाना चाहते हैं, वे जा सकते हैं और जो यहाँ कार्य करना चाहते हैं, सरकार उसकी व्यवस्था सुनिश्चित करेगी.