बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान: पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन, राशन डीलरों को मानदेय और कारीगरों को ब्याजमुक्त ऋण देने का किया वादा Bihar election: मंच टूटने की घटना: मोकामा में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह धड़ाम से गिरे, जनसभा में अफरा-तफरी बिहार चुनाव से राहुल गांधी ने क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस के कैंडिडेट भी हो रहे हैरान; जानिए क्या है वजह राजधानी पटना के इन घाटों पर आप भी दे सकते हैं अर्घ्य, जानिए क्या है तैयारी और घाट जाने का रास्ता Bihar News: इतने लाख प्रवासी नहीं देंगे बिहार विधानसभा चुनाव में वोट, जानें क्या है वजह? Crime News: छठ पूजा मनाने बिहार गया था परिवार, इधर घर में हो गई ₹लाखों की चोरी Bihar News: नहाय खाय के दिन बिहार के अलग-अलग जिलों में 11 की मौत, स्थानीय लोगों में शोक की लहर Patna News: पटना में 2 दिन तक यह सड़कें बंद, जानें लें अब किस मार्ग से होकर गुजरेंगी गाड़ियां; जानिए Bihar Election 2025: दांव पर नीतीश के मंत्रियों की साख,पार होगी नैया या तेजस्वी के योद्धा मार लेंगे मैदान; जानिए क्या है समीकरण Bihar News: छठ घाटों पर कार्बाइड गन और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध, जारी हुआ सख्त निर्देश; नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
18-Jul-2020 11:35 AM
DESK: बाबा रामदेव की पतंजलि को एक और झटका लगा है. मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोनिल के ट्रेडमार्क पर रोक लगा दिया है. आरोप है कि यह ट्रेडमार्क किसी और कंपनी का है. फिर भी बाबा ने अपने दवा का नाम कोरोनिल ट्रेडमार्क पर रखा.
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस सी वी कार्तिकेयन ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 30 जुलाई तक के लिए रोक लगा दिया है. चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड में बाबा रामदेव के कोरोनिल नाम रखने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
कंपनी ने किया दावा
कंपनी ने दावा किया है कि ‘कोरोनिल' 1993 से उसका ट्रेडमार्क है. इस पर उसका 2027 तक अधिकार है. ऐसे में कोई दूसरी कंपनी इस नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इस कंपनी काम केमिकल्स और सैनिटाइजर्स बनाती है. इसका इस्तेमाल हेवी मशीनरी और कंटेनमेंट यूनिट्स में किया जाता है. कंपनी ने दावा किया है कि उसने 1993 में कोरोनिल-213 एसपीएल और कोरोनिल-92बी का रजिस्ट्रेशन कराया था. बता दें कि बाबा रामदेव की कंपनी ने सर्दी खांसी बनाने का लाइसेंस लेकर कोरोना का दवा बनाने का दावा किया था, लेकिन यह दावा फेल हो गया. बाबा ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर इसका टेस्ट हुआ था, लेकिन वह भी झूठ निकला था. बाद में बाबा की कंपनी को इम्यूनीटी बढ़ाने का दवा बेचने की अनुमति मिली. लेकिन अब ट्रेड मार्क को लेकर विवाद सामने आ गया है.