ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार के इस जिले में भूमि पैमाइश को लेकर विवाद, बिना जमीन नापी के लौटे राजस्व विभाग के अधिकारी बेतिया ATM लूट मामले में DIG ने लिया एक्शन, पुलिसकर्मियों के वेतन पर लगाई रोक, प्रभारी एसपी से मांगा जवाब वंशावली को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया नया आदेश, जानिये अब क्या करना होगा? गोल उत्सव 4.0 में जुटे हजारों डॉक्टर, एलुमनाई मीट में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी बस स्टैंड में लगी भीषण आग, तीन दर्जन दुकानें जलकर राख, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं: सम्राट चौधरी ने 3 महीने का दिया अल्टीमेटम, कहा..बदमाशों को बिहार से भगाकर ही दम लूंगा एक लाख डॉलर जीतने वाले मोतिहारी के आदर्श ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार की शिक्षा और कौशल विकास पर हुई चर्चा सुपौल में समलैंगिक विवाह, दो युवतियों ने आपसी सहमति से गैस चूल्हे को साक्षी मानकर लिये सात फेरे उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को बताया पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन, कहा..उनको ना कभी बिहार की चिंता थी, और ना ही अब है पटना और मुजफ्फरपुर के बाद अब पूर्णिया में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का होगा आयोजन, इस दिन विजय सिन्हा सुनेंगे आमलोगों की शिकायतें

7 फरवरी को मनेगा विधानसभा का स्थापना दिवस, विधायकों को बापू का उपदेश पढ़ाया जायेगा

7 फरवरी को मनेगा विधानसभा का स्थापना दिवस, विधायकों को बापू का उपदेश पढ़ाया जायेगा

30-Jan-2021 04:20 PM

By ASMEET SINHA

PATNA :  बिहार विधान सभा का स्थापना दिवस समारोह 7 फरवरी को मनाया जायेगा. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी बड़े ही धूमधाम से स्थापना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. विधानसभा के शताब्दी वर्ष पर वृहत समारोह का आयोजन किया जायेगा. इस कार्यक्रम को लेकर संयुक्त अधिवेशन बुलाया जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. 


शनिवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि आगामी 7 फरवरी को बिहार विधान का 100वां स्थापना दिवस समारोह 7 फरवरी को मनाया जायेगा. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के बाद विजय सिन्हा ने कहा कि गांधी के 7 सामाजिक पाप कर्मों से जनप्रतिनिधियों और युवाओं को सीखने की जरूरत है.


आपको बता दें कि साल 1912 में बंगाल प्रसिडेंसी से अलग कर बिहार और उड़ीसा को मिलाकर एक नया राज्य बनाया गया था. जॉन स्टुअर्ट बेली इसके पहले लेफ्निेंट गवर्नर बने थे. इसके 8 साल बाद 1920 में बिहार और उड़ीसा प्रांत को गवर्नर का प्रांत का दर्जा किया गया और लार्ड सत्येन्द्र प्रसाद सिन्हा इसके पहले राज्यपाल नियुक्त किए गए.


इसके बाद बिहार और उड़ीसा प्रांतीय विधायी निकाय के लिए एक स्वतंत्र भवन के निर्माण की शुरुआत हुई और 7 फरवरी 1921 को इस नऐ भवन का उद्घाटन तत्कालीन लार्ड सिन्हा के द्वारा किया गया. इसी दिन सर वाल्टर मोरे की अध्यक्षता में इस भवन में नवगठित विधायी निकाय की पहली बैठक हुई. यह भवन बिहार विधान मंडल के मुख्य भवन के रुप में विद्यमान है.