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16-Apr-2020 09:44 PM
PATNA : कोरोना जैसी खतरनाक वैश्विक बीमारी के कारण आज दुनिया भर में 2 मिलियन से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं. इंडिया में भी काफी तेजी से मरीज बढ़ते जा रहे हैं. बिहार में पूरी सख्ती के साथ लॉक डाउन को लागू किया गया है. लेकिन दो दिन के अंदर बिहार में 12 नए मरीज सामने आने के बाद आंकड़ा 80 पहुंच गया है. 25 मार्च से शुरू हुई लॉक डाउन के पहले चरण की 21 दिनों की अवधि अब समाप्त हो गई है. मंगलवार को एक बार फिर से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने लॉक डाउन के दूसरे चरण का एलान कर दिया है. भारत में 3 मई तक लॉक डाउन की घोषणा की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केन्द्र सरकार कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए शुरू से ही सतर्क रही है. कोरोना वायरस से निपटने की जो रणनीति अपनाई जा रही है उसके नतीजे सामने आ रहे हैं और देश के 325 जिलों में अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है. प्रिएम्पिटव और एडवांस्ड एक्शन ही कारण है कि इस बीमारी पर काफी हद तक सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए अंकुश लगाने में कामयाब रहा गया है.
बिहार समेत हिंदुस्तान के तमाम राज्यों में काफी सख्ती के साथ लॉक डाउन को लागू किया गया है. 14 अप्रैल को जब लॉक डाउन की अवधि समाप्त हो रही थी, तो लोगों ने तमाम क्षेत्रों में छूट मिलने की मांग रखी, जहां कोरोना के संक्रमण नहीं पाए गए हैं. सोशल मीडिया पर ट्रेनों के परिचालन के भी अफवाहें उड़ी क्योंकि रेलवे की ओर से एडवांस में लाखों टिकटों की बुकिंग की गई. बिहार में अभी फिलहाल 13 जिलों में ही कोरोना का संक्रमण फैला है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से पीड़ितों की टेस्टिंग को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई हैं, उन्हीं के आधार पर लोगों का परीक्षण किया जा रहा है और जो भी इस दायरे में आएगा, उसका पूरा परीक्षण किया जाएगा और जो भी मरीज मेडिकल प्रोटोकॉल की शर्तों को पूरा करता हैं उसका पूरा परीक्षण किया जाता है.
पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा था कि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए एक सप्ताह के लिए देश के कोने-कोने में पूरी सख्ती के साथ लॉक डाउन को लागू करना है. राज्य सरकारें केंद्र का पूरा साथ दे रही हैं. ऐसे में उन्होंने यह भी कहा था कि 21 अप्रैल से कुछ खास इलाकों में छूट दी जा सकती है, जहां कोरोना का ख़तरा बिलकुल भी नहीं है. बिहार में ऐसे 25 जिले हैं. जहां एक भी मामला सामने नहीं आया है.
लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना से निपटने खासकर कलस्टर आउटब्रेक और कंटेनमेंट स्ट्रेटिजी के लिए स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन और राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए एक माइक्रोप्लान बनाया है. इस काम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की राष्ट्रीय पोलियो टीम मिल कर काम करेगी. उन्होंने कहा कि इस काम में स्टेट रैपिड रेस्पांस टीम और डब्ल्यूएचओ की राष्ट्रीय पोलियो टीम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करेगी. राष्ट्रीय पोलियो सर्विलांस प्रोजेक्ट (डब्ल्यूएचओ-एनपीएसपी) ने पोलियो को खत्म करने के लिए अहम भूमिका निभाई थी और अब उस अनुभव, जानकारी और प्रतिभा को फिर से उसी क्षमता और अनुशासन से इस्तेमाल किया जायेगा.
संयुक्त सचिव ने बताया कि देश में अभी तक कोरोना वायरस के कुल 12380 मामले सामने आए हैं और इनमें से 76 विदेशी हैं. अब तक 414 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है और इनमें से कल 37 लोगों की मौत हुई थी. देश में कोरोना के कुल 1489 मरीज ठीक हो गये हैं और कल एक ही दिन में 183 मरीज ठीक हुए थे. कोरोना वायरस के प्रकोप से देश में मरने वालों का प्रतिशत आंकड़ा 3़ 3 प्रतिशत है जबकि इससे ठीक होने वालों का आंकड़ा 12़ 02 प्रतिशत है.
किन-किन जिलों में मिल सकती है छूट -
आरा (भोजपुर)
कैमूर
रोहतास
औरंगाबाद
अरवल
जहानाबाद
शेखपुरा
जमुई
बांका
पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)
पश्चिमी चंपारण (बेतिया)
शिवहर
सीतामढ़ी
मधुबनी
सुपौल
अररिया
किशनगंज
पूर्णिया
मधेपुरा
कटिहार
सहरसा
खगड़िया
दरभंगा
समस्तीपुर
मुजफ्फरपुर
लॉकडाउन में 21 अप्रैल से छूट को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. हालांकि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब तक ग्रीन जोन वाले इन इलाकों में लोगों को राहत दी जाएगी. प्रधानमंत्री की ओर से यह बात भी कही गई थी कि अगर हालात नियंत्रण में नहीं रहे तो सरकार अपना फैसला वापस भी ले सकती है. वहीं बिहार की बात करें तो अभी भी कुछ ऐसे जिले हैं, जहां एक भी केस एक्टिव नहीं है. जिसमें भागलपुर, लखीसराय और सारण शामिल हैं. इन जिलों से मरीज मिले थे, हालांकि सभी लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं.