Bihar News: बिहार में स्कॉर्पियो और स्कूल वैन की जोरदार टक्कर, हादसे में 6 बच्चों समेत 10 लोग घायल Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश Bharti Singh Second Baby: कॉमेडी क्वीन भारती सिंह ने दी दूसरी बार खुशखबरी, घर आया नन्हां मेहमान BTSC Result 2025: बिहार BTSC ड्रेसर रिजल्ट जारी, यहां देखें परिणाम सासाराम: IPL में चयन के बाद होम ग्राउंड पर तेज़ गेंदबाज़ आकाशदीप बहा रहे पसीना, बिहार के इस क्रिकेटर पर KKR ने लगाई 1 करोड़ की बोली UPSC Engineering Services 2025: बिहार के उम्मीदवारों ने UPSC ESE में मचाया धमाल, पटना के राजन कुमार और उत्कर्ष पाठक बने टॉपर Free Electricity Scheme: बिहार में 125 यूनिट फ्री बिजली योजना से लोग गदगद, पीएम सूर्य घर योजना की लोकप्रियता घटी Free Electricity Scheme: बिहार में 125 यूनिट फ्री बिजली योजना से लोग गदगद, पीएम सूर्य घर योजना की लोकप्रियता घटी थावे दुर्गा मंदिर चोरी मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली, अपराधियों को पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की
14-Oct-2020 09:02 PM
GOPALGANJ : गोपालगंज के जिस काली पांडेय की 36 साल पहले पूरे देश में चर्चा हुई थी, वे फिर इस बार चर्चे में हैं. कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में काली पांडेय को टिकट दे दिया है. दिलचस्प बात ये है कि काली पांडेय़ कांग्रेस पार्टी के सदस्य बाद में बने, पार्टी ने उन्हें टिकट पहले दे दिया. आज कांग्रेस में शामिल होने से पहले काली पांडेय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे.
सोमवार को टिकट मिला, बुधवार को पार्टी की सदस्यता
ये वही काली पांडेय हैं जो 1980 के दशक में पूरे देश में चर्चा का विषय बन गये थे. 1984 के लोकसभा चुनाव में देश भर में कांग्रेस की लहर थी लेकिन काली पांडेय गोपालगंज से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते और सांसद बन गये. कहा जाता है कि उस वक्त की एक चर्चित फिल्म प्रतिघात काली पांडेय पर ही बनी थी. उसमें विलेन की भूमिका काली पांडेय जैसी ही थी. हालांकि बाद में उनका जलवा घटता गया. कई पार्टियों से होते हुए वे लोक जनशक्ति पार्टी में पहुंचे थे और पिछले कई सालों से लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे.
काली पांडेय बुधवार को लोजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये. लेकिन मंगलवार को ही उन्होंने गोपालगंज के कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया था. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था. सोमवार को ही कांग्रेस का सिम्बल उन्हें मिल गया था. यानि कांग्रेस ने काली पांडेय को पार्टी में शामिल कराने के दो दिन पहले ही पार्टी का टिकट दे दिया था.
दरअसल काली पांडेय मंगलवार को कुचायकोट विधानसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल करने पहुंचे तो उनके समर्थकों की गाडि़यों पर लोक जनशक्ति पार्टी की बजाए कांग्रेस का झंडा देखकर हर कोई चौंक गया था. काली पांडेय ने अपना नामांकन भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ही किया. हैरान पत्रकारों ने नामांकन कर निकले काली पांडेय से पूछा कि उनकी गाड़ी पर कांग्रेस का झंडा क्यों है तो काली पांडेय खामोश रह गये. बुधवार को दिल्ली जाकर उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का एलान किया.
कांग्रेस में आए काली पांडेय ने कांग्रेस को अपना घर बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनका घर रहा है और वे अपने घर लौट कर चले आये हैं. वैसे काली पांडेय ने 2015 का विधानसभा चुनाव लोजपा के टिकट पर लड़ा था. जेडीयू के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय ने उन्हें करीब 3500 वोटों से हराया था. इस दफे फिर काली पांडेय का मुकाबला पप्पू पांडेय से ही होगा जो जेडीयू के प्रत्याशी हैं.