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30-Jan-2024 09:11 AM
By First Bihar
PATNA : नीतीश सरकार 10 फरवरी को ही विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करेगी। इसके लिए सारी तैयारी शुरू हो गयी है। सोमवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री आवास में हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा मौजूद थे। पहले विधानमंडल का सत्र 12 फरवरी से होने की चर्चा थी।
दरअसल, मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी के खिलाफ एनडीए ने 28 जनवरी को ही अविश्वास प्रस्ताव दिया है। ऐसे में नियमानुसार 14 दिनों के बाद ही विधानमंडल का सत्र आहूत किया जा सकता है। इसीलिए 10 फरवरी का दिन तय किया गया है। इसके बाद आगे बजट सत्र होगा। इसकी प्रक्रिया अलग से चलायी जाएगी। यह 12 फरवरी से आगे चलाया जा सकता है।
वहीं, 10 फरवरी को सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्हें पद से हटाने के बाद नीतीश सरकार सदन में विश्वास मत प्राप्त करेगी। हालांकि यह केवल औपचारिकता ही होगी। क्योंकि, सदन में नीतीश कुमार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। उनके पास 128 विधायकों का समर्थन है। यह बहुमत के 123 के आंकड़े से अधिक है। नयी सरकार को जदयू और भाजपा के अलावा हम और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है। जहां भाजपा के 78 और जदयू के 45 विधायक हैं, वहीं हम के चार विधायक है।
मालूम हो कि, 17वें विधानसभा में यह दूसरा अवसर है, जब विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है। यह भी पहली बार है जब किसी एक विधानसभा की अवधि में दो बार ऐसा हुआ हो। इसके पहले वर्ष 2022 में निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष व मौजूदा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था।
ऐसे यह चौथा अवसर है जब किसी विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। इसके पहले कांग्रेस के शिवचन्द्र झा और विन्ध्येश्वरी प्रसाद वर्मा के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफा देते ही विधानमंडल के बजट सत्र समेत अन्य फैसले स्वत: निरस्त हो गए। यही नहीं सत्र में पूछे जाने वाले सारे सवाल भी खत्म हो गए। अब नए सिरे से सदन में पूछे जाने के लिए विधायकों-विधानपार्षदों को सवाल देने होंगे।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष अवध विहारी चौधरी सामान्य दिन की तरह विधानसभा आए और रूटिन काम निपटाते रहे। कुछ समय के लिए उनके कक्ष के बाहर लाल बत्ती भी जली, जब उन्होंने आवश्यक कार्य निपटाया। हालांकि, उन्होंने कुछ कानूनविदों से भी बातचीत की और उनसे राय-मशविरा किया। उधर, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी भी पहले तल्ले पर अपने कमरे में मौजूद थे। वे भी अपना सामान्य कार्य करते रहे।