बिहार के इस जिले में भूमि पैमाइश को लेकर विवाद, बिना जमीन नापी के लौटे राजस्व विभाग के अधिकारी बेतिया ATM लूट मामले में DIG ने लिया एक्शन, पुलिसकर्मियों के वेतन पर लगाई रोक, प्रभारी एसपी से मांगा जवाब वंशावली को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया नया आदेश, जानिये अब क्या करना होगा? गोल उत्सव 4.0 में जुटे हजारों डॉक्टर, एलुमनाई मीट में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी बस स्टैंड में लगी भीषण आग, तीन दर्जन दुकानें जलकर राख, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं: सम्राट चौधरी ने 3 महीने का दिया अल्टीमेटम, कहा..बदमाशों को बिहार से भगाकर ही दम लूंगा एक लाख डॉलर जीतने वाले मोतिहारी के आदर्श ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार की शिक्षा और कौशल विकास पर हुई चर्चा सुपौल में समलैंगिक विवाह, दो युवतियों ने आपसी सहमति से गैस चूल्हे को साक्षी मानकर लिये सात फेरे उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को बताया पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन, कहा..उनको ना कभी बिहार की चिंता थी, और ना ही अब है पटना और मुजफ्फरपुर के बाद अब पूर्णिया में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का होगा आयोजन, इस दिन विजय सिन्हा सुनेंगे आमलोगों की शिकायतें
30-Aug-2025 09:35 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार अब बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा के लिए एक आकर्षक जगह बनता जा रहा है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई फिल्म नीति ने फिल्मकारों को लुभाना शुरू कर दिया है। हाल ही में राज्य सरकार ने 25 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी है, जो भोजपुरी, हिंदी, मैथिली, मगही और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में बन रही हैं। यह नीति 2024 में लागू हुई थी और फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ रुपये तक का अनुदान देती है, शर्त यह है कि 75% शूटिंग बिहार में हो। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति परदे पर चमकेगी बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे। नालंदा, गया, दरभंगा और वैशाली जैसे जिलों में फिल्मों की शूटिंग हो रही है और इससे अब बिहार की धरोहर दुनिया तक पहुंचेगी।
इन 25 फिल्मों में संघतिया, द लांग जर्नी होम, बिहार का जलवा, सुहागिन के सेनूर, लाइफ लीला, जिनगी बीतवनी तोहरे प्यार में, घर का बंटवारा, नारी, रजनी की बारात, ओह माय डॉग, टिया, सुगनी, छठ, पेन ब्रश, बिहान, अनमोल घड़ी, बंटवारा, अंबे है मेरी मां, बेटी बनल विजेता, अखंड भेदम, बिहारी भौजी, वृहस्पति व्रत कथा, जय मइया शारदा भवानी, जिहादी एक प्रेम कथा और मइया थावे वाली शामिल हैं। इनमें से कई भोजपुरी हैं, लेकिन हिंदी और अंग्रेजी फिल्में भी लिस्ट में शामिल हैं। नीति के तहत क्षेत्रीय भाषाओं वाली फिल्मों को 50% अनुदान मिलता है, जबकि हिंदी या अंग्रेजी के लिए 25%। इससे पहले 14-15 फिल्मों को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन अब कुल 25 फिल्मों पर हरी झंडी ने गति पकड़ ली है।
बिहार की यह नीति अन्य राज्यों से बेहतर है, जहां सिंगल विंडो क्लियरेंस और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। वाल्मीकिनगर में बड़ा सेट बन रहा है और पटना में पंकज त्रिपाठी की 'ओह माय डॉग' पूरी हो चुकी है। राज्य का पहला स्थायी फिल्म सेट और निजी स्टूडियो भी तैयार हो रहे हैं जो फिल्मकारों को सुविधा देंगे। इसके अलावा NIFT पटना के साथ ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहे हैं ताकि स्थानीय युवा इंडस्ट्री में कदम रख सकें।
यह नीति बिहार को टेक्सटाइल हब की तरह सिनेमा हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा क्योंकि कई फिल्में नालंदा की प्राचीनता और गंगा के किनारे के गांवों को दिखाएंगी। रोजगार के मोर्चे पर, होटल, ट्रांसपोर्ट और क्रू मेंबर्स को फायदा हो रहा है। सरकार डॉक्यूमेंट्री फेस्टिवल की तैयारी कर रही है जो आने वाले समय में बिहार के सिनेमा सफर को नई ऊंचाई देगा।