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06-May-2025 02:43 PM
By First Bihar
Chanakya Niti for women: भारतीय दर्शन में आचार्य चाणक्य और ओशो दोनों ही ऐसे नाम हैं जिन्होंने जीवन, संबंधों और स्त्री-पुरुष स्वभाव को गहराई से समझा और बताया। जहां चाणक्य ने स्त्री गुणों को नीति और परिवार निर्माण से जोड़ा, वहीं ओशो ने प्रेम, स्वतंत्रता और आकर्षण के गूढ़ आयाम बताए।
आइए जानते हैं कि महिलाओं में कौन से ऐसे गुण हैं, जिन्हें चाणक्य और ओशो दोनों ही स्त्री की असली शक्ति मानते हैं;
आचार्य चाणक्य के अनुसार:
साफ दिल वाली महिला, जिसके मन में किसी के लिए द्वेष, कपट या छल न हो, वह पुरुषों को बहुत आकर्षित करती है। ऐसी महिलाएं जीवनसाथी के रूप में आदर्श मानी जाती हैं।वहीं कोमल हृदय और दयालु स्वभाव, जो महिलाएं दूसरों के दुख से दुखी होती हैं और मदद को तत्पर रहती हैं, उन्हें पुरुष बेहद सम्मान देते हैं। साहसी और हिम्मती स्त्रियां ,जो स्त्री मुश्किल समय में भी डटी रहती है, वह पुरुषों के लिए प्रेरणा और उर्जा प्रदान करती हैं।
ओशो के अनुसार:
आत्मनिर्भर और स्वतंत्र सोच वाली महिला के लिए ओशो कहते हैं कि सबसे सुंदर स्त्री वह होती है जो आत्मनिर्भर हो और अपनी सोच रखती हो। वह किसी पर निर्भर नहीं रहती, फिर भी प्रेम करती है।ओशो के अनुसार स्त्री की सच्ची सुंदरता उसके प्रेम की गहराई में होती है। जो स्त्री प्रेम करती है, वह पूरे अस्तित्व के साथ करती है—बिना किसी स्वार्थ और अपेक्षा के ।साथ ही ओशो मानते थे कि एक स्त्री का सबसे बड़ा आकर्षण उसका natural being यानी स्वाभाविक होना है।
बनावटीपन पुरुषों को भ्रमित कर सकता है, पर आकर्षित नहीं करता। जहां चाणक्य नीति हमें बताती है कि स्त्री का दिल, दया और हिम्मत जीवन में पुरुषों को प्रभावित करते हैं, वहीं ओशो यह सिखाते हैं कि स्वतंत्रता, प्रेम की गहराई और सहजता स्त्री को दिव्यता प्रदान करती है।
Disclaimer: यह लेख चाणक्य और ओशो की नीतियों एवं विचारों पर आधारित है। First Bihar Jharkhand इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता है।