दिल्ली दौरे पर सम्राट: बिहार का गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह और तावड़े से पहली मुलाकात BIHAR: शिक्षा के क्षेत्र में AI को मिलेगी उच्च प्राथमिकता: हर जिले में मॉडल स्कूल-कॉलेज बनाने का निर्देश Bihar Bhumi: पुश्तैनी जमीन की 'रसीद' आपके नाम से नहीं है....तब आप भूमि की बिक्री-रजिस्ट्री कर सकते हैं या नहीं ? नया आदेश क्या कहता है, सब कुछ जानें.... पटना में नाबालिग बच्ची की संदिग्ध मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने की सम्राट चौधरी को मौके पर बुलाने की मांग PATNA: अंचल कार्यालयों में राजस्व विभाग के हेल्प डेस्क के रूप में काम करेंगे VLE, छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण शुरू BHAGALPUR TRAIN ACCIDENT: सबौर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ते समय महिला की गिरकर मौत, पति घायल IAS officer news : ब्राह्मण बेटी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले IAS संतोष वर्मा पर प्रशासन का एक्शन शुरू; कारण बताओ नोटिस जारी Dharmendra death : धर्मेंद्र के जाने के बाद हेमा मालिनी ने शेयर की घर की तस्वीरें, जानिए क्या दिखा ख़ास; प्रार्थना सभा में दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि BIHAR CRIME: सिवान में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से एक करोड़ की लूट, आधा दर्जन नकाबपोश अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम जानिए कैसा है राबड़ी देवी को आवंटित हुआ नया बंगला, लेकिन शिफ्टिंग से इंकार क्यों? राजनीतिक हलचल के बीच बड़ा सवाल
09-Oct-2025 03:09 PM
By FIRST BIHAR
Mongolian Falcon Price: सऊदी अरब की राजधानी रियाद में चल रही अंतरराष्ट्रीय सऊदी फाल्कन और शिकार प्रदर्शनी 2025 में अब तक की सबसे महंगी नीलामी ने सबका ध्यान खींचा है। इस प्रदर्शनी में एक मंगोलियाई फाल्कन को रिकॉर्ड 6,50,000 सऊदी रियाल यानी लगभग 1.53 करोड़ रुपये में बेचा गया।
प्रदर्शनी में इस वर्ष दो मंगोलियाई फाल्कन को नीलामी के लिए प्रस्तुत किया गया था। पहला बाज युवा था, जिसकी बोली 70,000 रियाल से शुरू होकर 1,28,000 रियाल पर समाप्त हुई। वहीं दूसरा बाज, जो वयस्क और पूरी तरह प्रशिक्षित था, 1 लाख रियाल की शुरुआती बोली के बाद 6.5 लाख रियाल तक पहुंच गया।
इस ऐतिहासिक बिक्री का आयोजन प्रदर्शनी में बनाए गए विशेष मंगोलियाई फाल्कन ज़ोन में किया गया, जहां पूर्वी एशिया की दुर्लभ बाज प्रजातियां प्रदर्शित की गईं। मंगोलियाई फाल्कन अपनी तेज उड़ान, ताकत और उत्कृष्ट शिकार क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं।
ये पक्षी लगभग 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गोता लगाने में सक्षम होते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी आसानी से ढल जाते हैं। यही कारण है कि अरब देशों में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। फाल्कनरी, यानी बाजों के जरिए शिकार करना, सऊदी अरब, कतर और यूएई जैसे देशों में न सिर्फ परंपरा बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और शौक का प्रतीक माना जाता है।
हर साल रियाद, दोहा और अबू धाबी जैसे शहरों में फाल्कन सौंदर्य प्रतियोगिताएं और शिकार प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इस बार की प्रदर्शनी में 30 से अधिक देशों ने भाग लिया। इस भव्य आयोजन में सऊदी फाल्कन क्लब द्वारा ड्रोन फाल्कनरी शो, लाइव प्रशिक्षण प्रदर्शन और ईको-टूरिज्म स्टॉल भी लगाए गए। बता दें कि यूनेस्को ने 2010 में फाल्कनरी को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी थी।