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09-Oct-2025 02:42 PM
By First Bihar
Delhi new secretariat : दिल्ली सरकार अब राजधानी को एक नया और अत्याधुनिक सचिवालय देने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस परियोजना को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने राजधानी में छह संभावित स्थानों को चिन्हित किया है। इनमें आईपी पावर स्टेशन, राजघाट पावर प्लांट, गुलाबी बाग, खैबर पास, आईटीओ बस डिपो और आईटीओ स्थित ट्विन टावर शामिल हैं। इन्हीं जगहों में से किसी एक को जल्द ही दिल्ली कैबिनेट द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद सचिवालय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसी वर्ष अगस्त में घोषणा की थी कि दिल्ली को जल्द ही एक ऐसा आधुनिक सचिवालय मिलेगा, जहां सभी विभाग एक ही छत के नीचे काम करेंगे। उन्होंने कहा था कि यह भवन “सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट” की तर्ज पर तैयार किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं, पर्यावरण के अनुकूल निर्माण तकनीक और पूर्णत: डिजिटल कार्य प्रणाली होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि इस परियोजना से न केवल सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा भी मिलेगी।
फिलहाल दिल्ली सरकार के अधिकांश विभाग अलग-अलग इलाकों में फैले हुए हैं। कई विभाग पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं, जिनमें जगह की कमी, पार्किंग की दिक्कत और आधुनिक सुविधाओं का अभाव जैसी समस्याएं हैं। कई बार जनता को किसी काम के लिए अलग-अलग जगहों पर चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। ऐसे में एक केंद्रीकृत सचिवालय बनने से न केवल प्रशासनिक कार्यों में समन्वय बढ़ेगा, बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों का सर्वेक्षण किया है। इस सर्वे में भूमि की उपलब्धता, यातायात की सुविधा, पर्यावरणीय प्रभाव और प्रशासनिक दृष्टि से उपयुक्तता को ध्यान में रखा गया। इसी के आधार पर छह संभावित स्थलों की सूची तैयार की गई है। इनमें से कुछ जैसे राजघाट पावर प्लांट और आईपी स्टेशन लंबे समय से बंद पड़े हैं और वहां बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध है। वहीं आईटीओ क्षेत्र को भी इसलिए उपयुक्त माना जा रहा है क्योंकि यह दिल्ली प्रशासन का केंद्र है और सभी विभागों के करीब है।
सूत्रों के अनुसार, नया सचिवालय भवन पूरी तरह हरित और ऊर्जा-संरक्षण पर आधारित होगा। इसमें सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन, हरित उद्यान और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। भवन निर्माण में पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण रखने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा भवन को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस कार्य प्रणाली के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
सचिवालय में मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अत्याधुनिक दफ्तर बनाए जाएंगे। साथ ही जनता के लिए विशेष काउंटर, सेवा केंद्र और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं भी होंगी ताकि किसी भी विभागीय कार्य में पारदर्शिता और सुविधा बनी रहे।
सरकार की योजना है कि सचिवालय निर्माण के लिए अंतिम स्थान चयन का निर्णय वर्ष 2025 के अंत तक लिया जाए। इसके बाद 2026 में इसका शिलान्यास किया जाएगा। परियोजना पूरी होने पर दिल्ली प्रशासनिक रूप से और अधिक सशक्त और केंद्रीकृत ढांचे में परिवर्तित हो जाएगा।
नया सचिवालय न केवल दिल्ली की प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि यह राजधानी की आधुनिक पहचान का प्रतीक भी बनेगा। सरकार का उद्देश्य है कि आने वाले समय में दिल्ली का प्रशासन, सुविधा और विकास — तीनों एक ही छत के नीचे नजर आएं, जिससे “नई दिल्ली” वास्तव में “नवाचार और सुशासन” का केंद्र बन सके।