बिहार पंचायत चुनाव 2026: आरक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग ने दी स्पष्ट जानकारी एक सिपाही ऐसा भी: घायल को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, लोगों के साथ-साथ पुलिस कप्तान ने भी की तारीफ Indian Railways New Rule : रेलवे ने बदला रिजर्वेशन चार्ट का नियम, अब टिकट स्टेटस मिलेगा 10 घंटे पहले IAS Removal Process: कैसे पद से हटाए जाते है IAS अधिकारी, संतोष वर्मा मामले से जानिए पूरी डिटेल Bihar News: अदना सा JE के पास आय से 1.46 करोड़ की अधिक संपत्ति, निगरानी टीम भ्रष्ट अभियंता के ठिकानों पर कर रही छापेमारी vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन.. नितिन नबीन को राष्ट्रीय फलक पर लाना बिहार की युवा पीढ़ी का सम्मान: सम्राट चौधरी
17-May-2025 01:35 PM
By First Bihar
Analemma flying Tower: इमारतें अब सिर्फ ज़मीन पर नहीं रहेंगी, बल्कि आसमान से लटकी नज़र आएंगी। अमेरिका की आर्किटेक्चर फर्म Clouds Architecture Office ने एक ऐसा अद्भुत प्रोजेक्ट पेश किया है जो विज्ञान और कल्पना की सीमाओं को मिटा देता है। इस अनोखे प्रोजेक्ट का नाम है – Analemma Tower। यह दुनिया की पहली ऐसी बिल्डिंग होगी जो पृथ्वी पर खड़ी नहीं होगी, बल्कि एक एस्टेरॉइड से जुड़कर धरती के चारों ओर हवा में झूलती रहेगी।
क्या है अनालेमा टावर की खासियत?
यह टावर किसी परंपरागत नींव पर आधारित नहीं होगा। इसे धरती की जियोसिंक्रोनस कक्षा (geosynchronous orbit) में घूमते हुए एक विशाल एस्टेरॉइड से हाई-स्ट्रेंथ केबल्स के माध्यम से लटकाया जाएगा। यह पूरा ढांचा एक ‘फिगर 8’ पैटर्न में घूमेगा, जिससे यह अलग-अलग शहरों के ऊपर से होकर गुजरेगा।
ऊपर से नीचे आएंगे लोग – ज़मीन से उलटा होगा टावर
इस गगनचुंबी टावर की दिशा आम इमारतों से उलट होगी। इसका ऊपरी भाग अंतरिक्ष की ओर होगा और निचला हिस्सा धरती की ओर लटकता रहेगा। टावर की गति जब न्यूनतम होगी, तब लोग धरती से इसमें प्रवेश कर पाएंगे।
टेक्नोलॉजी जो भविष्य को छूती है
इस फ्लाइंग बिल्डिंग में परंपरागत एलिवेटर नहीं होंगे। इसमें बिना केबल वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लिफ्ट्स लगेंगी, जो ऊंचाई की किसी सीमा को नहीं मानेंगी। इसके अलावा, ऊर्जा के लिए टावर को सौर पैनलों से पॉवर मिलेगा, जो धरती के वातावरण से ऊपर लगातार सूर्य की रोशनी में रहेंगे।
पानी और जीवन कैसे संभव होगा?
टावर में एक इनबिल्ट वाटर रीसाइक्लिंग सिस्टम होगा, जो वर्षा और वातावरण से नमी एकत्र कर पानी में बदलेगा। इस प्रकार, पृथ्वी से सीमित संसाधनों की आवश्यकता नहीं होगी।
कहां बनेगा और किसके लिए?
अनालेमा टावर का निर्माण धरती पर कहीं भी किया जा सकता है, लेकिन इसे स्थायी रूप से दुबई के ऊपर स्थापित करने का प्रस्ताव है। दुबई पहले से ही बुर्ज खलीफा जैसी ऊंची इमारतों के लिए जाना जाता है और अब यह भविष्य की फ्लाइंग बिल्डिंग का घर बनने जा रहा है।
क्या यह सपना हकीकत बन पाएगा?
हालांकि यह परियोजना अभी एक कॉन्सेप्ट है, लेकिन तकनीकी दृष्टि से यह पूरी तरह संभव है। वैज्ञानिकों और आर्किटेक्ट्स का मानना है कि अगर स्पेस तकनीक और सामग्री विज्ञान में अपेक्षित प्रगति होती है, तो Analemma Tower आने वाले दशकों में साकार रूप ले सकता है। जैसे-जैसे इंसान अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ा रहा है, रहने की परिभाषाएं भी बदल रही हैं। अनालेमा टावर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि मानव कल्पना की नई ऊंचाई है – एक ऐसा घर जो जमीन पर नहीं, आसमान में होगा।