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Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान

Bihar election update : मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद बाढ़ विधानसभा चुनाव पर तनाव बढ़ा। प्रशासन ने अनंत सिंह पर FIR दर्ज कर उम्मीदवारों की सख्त निगरानी और चुनावी शुचिता के निर्देश दिए।

Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान

01-Nov-2025 09:24 AM

By First Bihar

Bihar election update : बिहार के मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने न सिर्फ स्थानीय राजनीति को उथल-पुथल कर दिया है, बल्कि इसके दूरगामी प्रभाव बाढ़ विधानसभा क्षेत्र तक देखने को मिल रहे हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्रों मोकामा और बाढ़ में कानून-व्यवस्था और निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। इस घटना के बाद से जिला प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी का दायरा बढ़ा दिया है, ताकि किसी भी तरह की अशांति, भय या चुनावी हिंसा को रोका जा सके। 


शुक्रवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम और पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मोकामा और बाढ़ विधानसभा क्षेत्रों का व्यापक दौरा किया। इस दौरान दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और विशेषकर दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद पैदा हुए तनाव को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। प्रशासन ने फैसला किया कि मोकामा और बाढ़ क्षेत्रों में चुनावी कार्यवाही के दौरान हर प्रत्याशी के साथ एक दंडाधिकारी और एक वीडियोग्राफर को मतदान खत्म होने तक नियुक्त किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी प्रकार की चुनावी गड़बड़ी, धन-बल का उपयोग या हिंसा का प्रयास रोका जा सके।


गौरतलब है कि जदयू प्रत्याशी और बाहुबली छवि वाले अनंत सिंह के खिलाफ दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। इस घटना ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। प्रशासन इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है, जिससे यह संदेश जाए कि कानून से ऊपर कोई भी नहीं है चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।


डीएम द्वारा की गई बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आदर्श आचार संहिता का कठोरता से पालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल, प्रत्याशी, सरकारी अधिकारी से लेकर अन्य हितधारक सभी को नियमों के दायरे में रहकर ही काम करना होगा। किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उल्लंघन की स्थिति में तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने चेतावनी दी कि जिले में विधि-व्यवस्था को चुनौती देने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।



वहीं एसएसपी कार्तिकेय शर्मा द्वारा भी पुलिस बल को सतर्क रहने और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी लाने का आदेश दिया। निर्देश दिया गया कि अवैध हथियारों की बरामदगी, शस्त्र लाइसेंसों की समीक्षा और आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। पुलिस व प्रशासन द्वारा विशेष रूप से होमगार्ड, पैरामिलिट्री फोर्स और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है।


उम्मीदवारों द्वारा चुनावी खर्च पर भी प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। इसके लिए उड़नदस्ता, स्टैटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलांस और वीडियो व्यूइंग टीम जैसी कई इकाइयाँ गठित की गई हैं, जिन्हें निर्देश दिया गया है कि वे हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखें। डीएम ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बिना अनुमति के चल रही सभी गाड़ियों को जब्त किया जाए और वाहनों की तलाशी अभियान पहले से ज्यादा तेज़ी से चलाया जाए। साथ ही निर्दिष्ट सीमा से अधिक धन या सामाग्री ले जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।


सभी पदाधिकारियों को चेतावनी दी गई कि किसी भी प्रकार की लापरवाही, ढिलाई या अनियमितता पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। चुनाव के दिन यानी 6 नवंबर को किसी भी स्थिति में मतदान शांतिपूर्ण रहना चाहिए, इस बात का विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी असामाजिक तत्व को छोड़ा नहीं जाएगा और कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध त्वरित एफआईआर दर्ज़ कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।


इस प्रकार दुलारचंद यादव हत्याकांड ने मोकामा और बाढ़ दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। एक तरफ जहां मोकामा में जनसुराज समर्थकों में गुस्सा और असंतोष है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ में भी चुनावी माहौल पर प्रशासन की पैनी निगाहें टिकी हुई हैं। अब देखना यह है कि इस सख्त निगरानी और प्रशासनिक सख्ती का चुनावी प्रक्रिया पर क्या असर पड़ता है और मतदाता किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं। चुनावी शोरगुल के बीच एक बात निश्चित है कि इस बार प्रशासन किसी भी तरह की चूक नहीं होने देना चाहता।