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11-Nov-2025 10:47 AM
By First Bihar
Bihar Election Violence : : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र का दुलारचंद यादव हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। पहले चरण के मतदान से ठीक पहले हुई इस वारदात ने न सिर्फ मोकामा की सियासत को गर्मा दिया था बल्कि चुनावी माहौल में हिंसा और तनाव की एक नई कहानी भी लिख दी थी। अब इस मामले में CID ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। सोमवार को CID की टीम ने भदौर थाना क्षेत्र के बसावनचक गांव में कई घंटे तक तलाशी अभियान चलाया, जहां दुलारचंद की मौत हुई थी।
जानकारी के अनुसार, CID की टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से करीब तीन घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान टीम ने मिट्टी की खुदाई कराई, झाड़ियां खंगालीं और मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली। टीम को उम्मीद थी कि उन्हें वह गोली का खोखा मिलेगा, जो दुलारचंद के ज्वाइंट एंकल में लगी थी। हालांकि, कई घंटे की मेहनत के बाद भी जांच एजेंसी को सफलता नहीं मिली। मौके पर मौजूद ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने घटना के दौरान गोली चलाने वाले की पहचान नहीं की।
CID ने बढ़ाई जांच की रफ्तार
दुलारचंद हत्याकांड की जांच CID के लिए अब प्राथमिकता बन चुकी है। एजेंसी की कई टीमें अलग-अलग पहलुओं पर समानांतर रूप से जांच कर रही हैं। घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ तकनीकी सबूतों को भी खंगाला जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, CID अब इस मामले में मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), और सोशल मीडिया फुटेज की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वारदात के समय वहां कौन-कौन मौजूद था।
जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी पर बढ़ा दबाव, पर फिलहाल गिरफ्तारी नहीं
इस केस में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी का नाम भी चर्चा में है। हालांकि, पुलिस सूत्रों ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी की अटकलों को विराम दिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, "जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी भी तरह की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें नोटिस देकर थाने बुलाया जा सकता है।"
भदौर थानाध्यक्ष ने बताया कि पीयूष प्रियदर्शी पर जानलेवा हमला, मारपीट और वाहन का शीशा तोड़ने के आरोप में मामला दर्ज है। इस केस में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि पीयूष को अभी तक जमानत नहीं मिली है। वहीं SDPO (बाढ़-2) अभिषेक सिंह ने कहा कि जांच कई बिंदुओं पर एक साथ आगे बढ़ रही है। "कंबाइन टेक्निकल ऑपरेशन" जारी है और जैसे ही पर्याप्त साक्ष्य मिलते हैं, दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अनंत सिंह भी हैं जेल में, सियासी माहौल में बढ़ी सरगर्मी
दुलारचंद की हत्या के बाद मोकामा की राजनीति में हलचल तेज हो गई थी। इस मामले में पूर्व विधायक अनंत सिंह पहले से ही जेल में हैं, और राजनीतिक गलियारों में यह मामला एक बार फिर गरमाया हुआ है। चुनावी दौर में यह घटना नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का कारण बनी हुई है। स्थानीय स्तर पर समर्थकों में भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।
जांच में उलझे कई सवाल
अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गोली किसने चलाई और दुलारचंद किस वाहन से घायल हुए। घटना के दिन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिन्हें पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य के रूप में एकत्र किया है। CID अब उन वीडियोज़ की फॉरेंसिक जांच करा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गोली चलाने वाला कौन था और किस दिशा से फायरिंग हुई।
तकनीकी और भौतिक साक्ष्यों पर फोकस
CID ने इस मामले की तह तक जाने के लिए सभी संभावित वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। टीम फॉरेंसिक, बैलिस्टिक और डिजिटल साक्ष्यों को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर गोली का खोखा मिल जाता है, तो यह केस में अहम सबूत साबित होगा, जिससे हत्या में इस्तेमाल हथियार और गोली चलाने वाले तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
फिलहाल, मोकामा का यह मामला न केवल एक हत्या की जांच का विषय है, बल्कि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था और राजनीतिक प्रभाव की परीक्षा भी बन गया है। जनता की निगाहें CID की अगली रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि क्या दुलारचंद हत्याकांड के पीछे की सच्चाई आखिरकार सामने आ पाएगी या नहीं।