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Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें

Mokama Murder Case : मोकामा हत्याकांड से चुनावी माहौल गरमाया, आयोग ने पूरे बिहार में हथियार जमा कराने और सख्त कानून व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए। चार एफआईआर दर्ज, सुरक्षा पर कड़ी नजर।

Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें

01-Nov-2025 09:50 AM

By First Bihar

Mokama Murder Case : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोकामा में हुई दुलारचंद यादव हत्या कांड ने पूरे राज्य के चुनावी माहौल को हिला कर रख दिया है। इस सनसनीखेज घटना के बाद चुनाव आयोग पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ चुका है। कानून-व्यवस्था में सख्ती और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखते हुए आयोग ने कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। इस बीच, मोकामा हिंसा से जुड़ी एक और एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे पूरे मामले ने और तूल पकड़ लिया है।


चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चुनाव आयुक्त एसएस संधू और विवेक जोशी समेत तमाम राज्य के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट संदेश दिया कि आगामी चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


चुनाव आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में लगे आचार संहिता को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही, सीमा क्षेत्रों की कड़ी निगरानी, अराजक तत्वों की पहचान और उन पर तुरंत कार्रवाई का आदेश भी जारी किया गया। खासकर सोशल मीडिया और स्थानीय नेटवर्क्स के जरिए अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की बात कही गई है।


लाइसेंसी हथियार जमा और अवैध हथियारों की जब्ती का आदेश

चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि राज्य भर में सारे लाइसेंसी हथियारों को तत्काल प्रभाव से जमा कराया जाए। जिला प्रशासन और पुलिस को कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी लाइसेंसधारी व्यक्ति चुनाव के दौरान हथियार लेकर न चले। इसके साथ ही, अवैध हथियारों की बरामदगी के लिए विशेष ड्राइव चलाने और सघन तलाशी अभियान चलाने का भी आदेश दिया गया है।


आयोग ने बताया कि कई बार चुनावी तनाव के दौरान अवैध हथियारों और पुराने मामलों की रंजिश से हिंसा भड़कती है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से यह कदम बेहद जरूरी है। स्ट्रांग रूम और ईवीएम की सुरक्षा के लिए भी विशेष सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।


मोकामा हत्याकांड में नई एफआईआर

मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद राजनीतिक गर्मी चरम पर है। इस बीच हत्या और उस दौरान हुए बवाल को लेकर एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह चौथी शिकायत है जो इस घटना से जुड़ी हुई है। यह एफआईआर पंडारक थाने में आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी के समर्थकों की ओर से दर्ज कराई गई है।


दरअसल, शुक्रवार को दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान पंडारक में वीणा देवी के काफिले पर हमला हुआ था। समर्थकों का आरोप है कि कुछ उपद्रवियों ने काफिले की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इस सिलसिले में सुमित, सोनू और गोलू नाम के तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है।


अब तक तीन FIR दर्ज, अब कुल चार मामले दर्ज

मोकामा में हुई हत्या को लेकर अब तक कुल चार एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। सबसे पहली शिकायत दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार द्वारा दर्ज कराई गई थी। इसमें जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह, उनके भतीजे राजवीर और कर्मवीर सिंह समेत छोटन सिंह और कंजय सिंह को नामजद किया गया था।


दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार ने दर्ज कराई, जिसमें जनसुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष, लखन महतो, बाजो महतो, नीतीश महतो समेत कई अन्य नाम शामिल किए गए। तीसरी एफआईआर मोकामा पुलिस ने खुद अपनी पहल पर दर्ज की थी जो हत्या की मुख्य घटना से संबंधित है। चौथी एफआईआर पंडारक थाने में दर्ज हुई, जो शव यात्रा के दौरान हुए बवाल से जुड़ी है।


मोकामा बना सियासी हॉटस्पॉट

कानून व्यवस्था के इस पेचीदा दौर में मोकामा का राजनीतिक तापमान देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जनसुराज और आरजेडी जैसी पार्टियां सत्ताधारी दल पर हमला बोल रही हैं, तो दूसरी तरफ जेडीयू और उसके उम्मीदवार हत्या के आरोपों से खुद को अलग कर रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले हुई यह हत्या और इसके बाद हिंसा के मामले ने पूरे घटनाक्रम को और संवेदनशील बना दिया है।


चुनाव आयोग ने साफ किया है कि मोकामा समेत पूरे बिहार में किसी भी तरह की चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्रीय बलों की तैनाती, ड्रोन निगरानी और संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी तेज़ी से चल रही है।


आगामी दिनों में मोकामा के साथ-साथ बिहार के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों पर भी नजरें टिकी रहेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी रंजिश और सियासी दंगल के बीच सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया कितनी मजबूती से कायम रहती है।