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09-Oct-2025 05:24 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की अधिसूचना से ठीक पहले, निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि वे चुनाव प्रचार में एआई और डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग न करें। आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की भ्रामक, डिजिटल रूप से बदली गई या तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत की गई जानकारी से चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है और पहले चरण के मतदान की अधिसूचना शुक्रवार, 10 अक्टूबर को जारी होने वाली है। गुरुवार, 09 अक्टूबर 2025 को जारी बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली चुनाव प्रचार सामग्री पर भी पूरी तरह लागू होंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल या उम्मीदवार यदि अपने प्रचार में एआई-जनित, डिजिटल रूप से परिवर्तित या सिंथेटिक सामग्री का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि वह सामग्री "AI Generated", "Digitally Enhanced" या "Synthetic Content" है।
इसके साथ ही आयोग ने कहा कि विरोधी दलों या उम्मीदवारों की आलोचना नीतिगत मतभेद, कार्यक्रम, किये गए कार्यों या रिकॉर्ड तक सीमित रहनी चाहिए। किसी भी अपुष्ट आरोप, फर्जी खबर या तथ्यों के तोड़-मरोड़ के जरिए विरोधियों की छवि खराब करने की कोशिश सख्त निगरानी के दायरे में होगी।
आयोग ने सभी दलों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि एआई तकनीक का उपयोग कर तैयार किए गए डीपफेक वीडियो या झूठी जानकारियों वाले कंटेंट को सोशल मीडिया पर फैलाना चुनाव की निष्पक्षता पर हमला माना जाएगा। आयोग के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि चुनावी माहौल को भ्रामक प्रचार और गलत सूचनाओं से दूषित न होने दिया जाए। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित दल या उम्मीदवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एआई के बढ़ते इस्तेमाल और इसकी मदद से मतदाताओं की राय को प्रभावित करने की संभावनाओं को देखते हुए, आयोग ने जनवरी 2025 में भी सभी दलों को परामर्श जारी किया था। उस परामर्श में कहा गया था कि एआई-आधारित किसी भी प्रचार सामग्री में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए। इसके तहत, एआई या डिजिटल रूप से बदली गई किसी भी तस्वीर, वीडियो, ऑडियो या अन्य सामग्री पर “AI Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” का स्पष्ट लेबल देना अनिवार्य बनाया गया था।