Rajvir Jawanda: मशहूर पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा का निधन, सड़क हादसे में बुरी तरह हुए थे घायल Rajvir Jawanda: मशहूर पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा का निधन, सड़क हादसे में बुरी तरह हुए थे घायल ANANT SINGH : मोकामा विधानसभा सीट: पूर्व विधायक अनंत कुमार सिंह 14 अक्टूबर को करेंगे नामांकन, अभी तक नहीं तय हुआ विपक्षी कैंडिडेट का नाम Indian Air Force Day 2025: भारतीय वायु सेना का 93वां स्थापना दिवस आज, जानिए कब से हुई शुरुआत Cyber Crime News: स्विटजरलैंड में नौकरी कीजिएगा... विदेश में फर्जी नौकरी का झांसा देकर युवक से लाखों की लूट Bihar Politics: "NDA के सीट बंटवारे को लेकर उथल-पुथल, मांझी का बड़ा बयान, कहा - हमारी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी!" Bihar Election 2025: कौन नेता बना सकता है सबसे अधिक बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड? जान लें... Bihar Police : बिहार पुलिस का गजब खेल ! SC-ST एक्ट की धारा लगाना ही भूल गई टीम; जानिए क्या है पूरी खबर BIHAR NEWS : बिहार में इस दिन होगी दीपावली की सरकारी छुट्टी, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला Mirai OTT Release Date: तेजा सज्जा की 'मिराई' ने थिएटर्स में मचाया धमाल, अब ओटीटी पर आने को तैयार, जाने कब और कहां होगी रिलीज?
08-Oct-2025 07:32 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह गुंजियाल ने मंगलवार को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव-2025 को पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए गए।
बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि इस बार चुनाव में अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। राजनीतिक दलों को यह बताना अनिवार्य होगा कि उन्होंने किसी आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया। साथ ही, ऐसे प्रत्याशियों को अपने ऊपर दर्ज एफआईआर, आरोप पत्र या सजा से संबंधित विवरण को समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया जैसे संचार माध्यमों के जरिए जनता के सामने लाना होगा। आयोग का मानना है कि इस कदम से मतदाताओं को उम्मीदवारों की सच्ची पृष्ठभूमि जानने का अवसर मिलेगा और साफ-सुथरी राजनीति को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव इसी से पहले संपन्न कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निर्वाचन अधिसूचना जारी होने के सात दिनों के भीतर राजनीतिक दलों को अपने स्टार प्रचारकों की सूची आयोग को सौंपनी होगी। नियमों के अनुसार, मान्यता प्राप्त दलों को 40 स्टार प्रचारक, जबकि अन्य राजनीतिक दलों को 20 स्टार प्रचारक रखने की अनुमति होगी। इन प्रचारकों के लिए परमिट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से जारी किए जाएंगे।
आयोग ने इस बार चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित की है। उम्मीदवारों द्वारा आयोजित जनसभाएं, जुलूस, पोस्टर-बैनर, प्रचार वाहन, विज्ञापन या अन्य प्रचार गतिविधियों में होने वाला खर्च उसी सीमा में शामिल किया जाएगा। साथ ही, मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से पैसा, शराब, उपहार या अन्य वस्तुएं बांटना गंभीर अपराध माना जाएगा, जिसके लिए जेल की सजा का भी प्रावधान है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष निगरानी तंत्र तैयार किया गया है। इस बार राजनैतिक विज्ञापनों की मंजूरी के लिए राज्य और जिला स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) का गठन किया गया है। यह कमेटी अखबारों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों की पूर्व स्वीकृति (Pre-Certification) सुनिश्चित करेगी। बिना अनुमति के कोई भी विज्ञापन प्रसारित नहीं किया जा सकेगा।
बैठक में निर्वाचन विभाग के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी माधव कुमार सिंह, प्रशांत सी.एच., अमित पांडेय और अशोक प्रियदर्शी ने भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनाव से संबंधित दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब दिए। इस दौरान कई प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे — राजद की ओर से सांसद सुधाकर सिंह, अभय कुशवाहा, चितरंजन गगन, कांग्रेस से ब्रजेश मुनन, भाजपा से राधिका रमण, जदयू से अनिल हेगड़े, और सीपीआई (एमएल) से परवेज अहमद शामिल थे।
चुनाव आयोग का कहना है कि इस बार का बिहार चुनाव देशभर के लिए एक मिसाल साबित होगा। तकनीकी सुधारों, वेबकास्टिंग, और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों के प्रयोग को व्यापक रूप से अपनाया जाएगा। आयोग का लक्ष्य है कि हर मतदान केंद्र पर वेबकास्टिंग, वोटर हेल्पलाइन और साफ-सुथरे आचार संहिता के पालन के माध्यम से मतदाताओं का भरोसा बढ़ाया जाए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अंत में कहा कि बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है, और यहां होने वाला विधानसभा चुनाव पूरे देश के लिए चुनावी सुधारों का नया अध्याय साबित होगा। आयोग पूरी तैयारी के साथ एक निर्भीक, पारदर्शी और आधुनिक चुनाव प्रक्रिया लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।