बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
01-Aug-2025 10:39 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत 1 अगस्त मतलब आज मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी होगा और इसमें किशनगंज जिले में सबसे ज्यादा नाम कटने की संभावना है। चुनाव आयोग ने बताया है कि इस प्रक्रिया में 65 लाख वोटरों के नाम सूची से हट सकते हैं, क्योंकि कई लोग नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आकर अवैध रूप से बिहार में रह रहे हैं।
इनमें से कई लोगों ने आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र और राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। बूथ लेवल अधिकारियों ने घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान ऐसे लोगों की पहचान की है। 1 से 30 अगस्त तक गहन जांच होगी और अगर ये लोग विदेशी नागरिक साबित हुए तो उनके नाम 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं होंगे। किशनगंज में 80% से अधिक मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा किए हैं लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां घुसपैठ का मुद्दा गंभीर है।
किशनगंज नेपाल और पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है और बांग्लादेश की सीमा भी इससे ज्यादा दूर नहीं है। इस जिले में छह विधानसभा सीटें हैं और यह क्षेत्र अपनी 47% मुस्लिम आबादी के कारण घुसपैठ के लिए संवेदनशील माना जाता है। किशनगंज और कटिहार के कुछ ब्लॉकों में बूथ लेवल अधिकारी संदिग्ध विदेशी नागरिकों के फॉर्म अलग रख रहे हैं, जिनमें नेपाली और बंगाली भाषी मुस्लिम शामिल हैं।
यह प्रक्रिया अनौपचारिक निर्देशों पर आधारित है, जिसे लेकर स्थानीय लोग डर रहे हैं कि वैध नागरिकों के नाम भी गलती से हट सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि 91.69% मतदाताओं, यानी 7.24 करोड़ लोगों ने गणना फॉर्म जमा किए हैं। इनमें से 22 लाख मृत पाए गए, सात लाख कई जगहों पर पंजीकृत हैं और 36 लाख वोटरों का पता नहीं चल सका, जिनमें से कई प्रवासी या विस्थापित हो सकते हैं।
ज्ञात हो कि 2 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष शिविरों में दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जा सकती हैं। किशनगंज में डोमिसाइल सर्टिफिकेट की माँग भी बढ़ी है क्योंकि यह 11 स्वीकृत दस्तावेजों में शामिल है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का छिपा रूप बताते हुए आलोचना की है, जबकि भाजपा ने इसे मतदाता सूची की शुद्धता के लिए जरूरी बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई में कहा कि आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को सत्यापन में शामिल किया जा सकता है, लेकिन ये नागरिकता का प्रमाण नहीं हैं।