Bihar Election Result 2025: वोट चोरी का दांव भी मजबूत नहीं कर पाया राहुल का हाथ, सहनी के साथ बुरी तरह डूब गई नैया Mokama Election : पटना में लगा पोस्टर: “जेल का फाटक टूटेगा, मेरा शेर छूटेगा”, अनंत सिंह की धमाकेदार जीत, वीणा देवी 28 हजार से पराजित Bihar Elections Result 2025: हिमाचल के पूर्व ADG जेपी सिंह की बिहार चुनाव में करारी हार, छपरा सीट से जमानत जब्त; खाते में आएं मात्र इतने वोट Bihar Election Result 2025: JDU के गिरते ग्राफ को CM नीतीश ने कैसे संभाला? 43 से सीधे दोगुनी सीटों पर कर ली जीत दर्ज; समझिए क्या था इस बार का समीकरण Bihar government formation : चिराग पासवान की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात, बोले— ईमानदार समन्वय और मजबूत नेतृत्व की वजह से मिली प्रचंड जीत Bihar Election 2025 : एनडीए की प्रचंड जीत के बाद बिहार में सरकार गठन की प्रक्रिया तेज, नीतीश आवास पर राजनीतिक हलचल तेज Bihar Election 2025 : सीमांचल में एआईएमआईएम का जादू, AIMIM के 5 उम्मीदवार जीते; फिर दिखा ओवैसी का दम; देखिए विधायकों की पूरी लिस्ट Muslim MLAs Bihar: बिहार में इतने मुस्लिम नेताओं ने हासिल किया विधायक की कुर्सी, जानिए पिछली बार से कितने अधिक और कितने कम? bihar election news : डूबती नैया को तिनके का सहारा, तेजस्वी को महज 6 सीट ही दिलवा पाए राहुल; देखिए कांग्रेस विधायकों की लिस्ट Bihar Election Result 2025: वाम दल भी नहीं मजबूत कर पाएं तेजस्वी का हाथ, जानिए कितने नेता बनें विधायक
15-Nov-2025 08:49 AM
By First Bihar
Bihar election results : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राज्य की राजनीति में एनडीए गठबंधन की पकड़ मजबूत होती जा रही है। इस चुनाव में एनडीए को कुल 201 सीटों पर बहुमत मिला है, जो साफ दर्शाता है कि जनता ने एक बार फिर विकास, सुशासन और स्थिर सरकार के पक्ष में मतदान किया है। इस जीत में एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (RLM) का भी अहम योगदान माना जा रहा है।
इस पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने गठबंधन की रणनीति को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। RLM ने इस चुनाव में सीमित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जहां-जहां उसके प्रत्याशी मैदान में थे, वहां उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए चुनाव को दिलचस्प बना दिया।
इन्हीं उम्मीदवारों में से बाजापट्टी से रामेश्वर कुमार महतो, मधुबनी से माधव आनंद, सासाराम से स्नेहलता, और दिनारा से आलोक कुमार सिंह ने शानदार जीत दर्ज की है। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में विरोधियों को बड़े अंतर से हराते हुए एनडीए गठबंधन की ताकत को और मजबूत किया है।
बाजापट्टी से RLM प्रत्याशी रामेश्वर कुमार महतो की जीत को जनता का भरोसा बताया जा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने विकास, शिक्षा, सड़क और कृषि से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ और संगठन की सक्रियता ने उनकी जीत की राह आसान की।
इसी तरह, मधुबनी सीट से लड़ रहे माधव आनंद ने भी भारी मतों से विजय हासिल की। मधुबनी क्षेत्र हमेशा से राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है और यहां मतदाता उम्मीदवार के काम और छवि को काफी महत्व देते हैं। माधव आनंद ने स्वास्थ्य सेवाओं, रोजगार और क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था, जिसका असर मतदान के समय साफ दिखाई दिया।
सासाराम सीट से RLM की उम्मीदवार स्नेह लता की जीत भी बेहद खास मानी जा रही है। स्नेह लता ने महिला वोटरों को प्रभावित करने के लिए शिक्षा, सुरक्षा और जनकल्याण योजनाओं को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ा। उनकी सादगी और लोगों से सीधा संवाद करने की शैली ने उन्हें भारी समर्थन दिलाया। उनकी यह जीत आगामी राजनीति में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने का संकेत देती है।
वहीं दिनारा के प्रत्याशी आलोक कुमार सिंह ने भी अपने विरोधियों को बड़े अंतर से हराते हुए जीत दर्ज की है। आलोक सिंह को यहां युवा वोटरों का खासा समर्थन मिला। उन्होंने रोजगार, खेल सुविधाओं, और गांव-गांव तक सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंचाने की बात को चुनावी मुद्दा बनाया था। उनकी साफ-सुथरी छवि और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत उनकी जीत का बड़ा कारण रही।
RLM के इन चारों उम्मीदवारों की जीत ने न सिर्फ पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में यह दल भविष्य में और भी बड़ी राजनीतिक भूमिका निभा सकता है। एनडीए गठबंधन के लिए भी यह जीत बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि छोटे दलों की सफलता ने उसे और मजबूत बनाया है।
बिहार की जनता ने इस बार अपने मतदान के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सुशासन, विकास और स्थिर सरकार चाहती है। एनडीए की 201 सीटों की भारी जीत के बाद अब राज्य में विकास कार्यों की गति और तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जीत को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि आने वाले समय में वे जनता के भरोसे पर खरा उतरेंगे और क्षेत्र के विकास को नई दिशा देंगे।