सिद्धि सिंह की रिपोर्ट
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17-Nov-2025 10:40 AM
By First Bihar
BJP legislature meeting : बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां दिनों-दिन तेज होती जा रही हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही यह साफ हो गया था कि इस बार सत्ता समीकरण एनडीए के पक्ष में जाता दिख रहा है। इसी क्रम में अब सरकार गठन की औपचारिक प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।सबसे पहले जदयू की ओर से विधायक दल की बैठक आज दोपहर बुलाई गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व को भाजपा ने भी लगभग स्वीकार कर लिया है, और मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं दिख रहा है। जदयू की बैठक में विधायकों की राय ली जाएगी, साथ ही सरकार गठन को लेकर अंतिम रूप भी दिया जा सकता है।
लेकिन इस राजनीतिक सरगर्मी के बीच जो सबसे बड़ी खबर सामने आई है, वह भाजपा से संबंधित है। बिहार विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली भाजपा ने अपने विधायक दल की बैठक कल सुबह 10 बजे बुला ली है। यह बैठक पटना में होगी और इसमें भाजपा विधायकों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी उपस्थिति रहेगी।
बैठक में होगा बड़ा फैसला—कौन बनेगा भाजपा विधायक दल का नेता?
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में भाजपा अपने सबसे अहम निर्णय लेगी—कौन बनेगा भाजपा विधायक दल का नेता और उपनेता। इन दोनों पदों की घोषणा के बाद ही सरकार में भाजपा के प्रतिनिधित्व की तस्वीर साफ हो जाएगी। अमूमन भाजपा में यह परंपरा रही है कि जिसे बिहार विधायक दल का नेता चुना जाता है, उसे ही उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाता है। यही नहीं, विधायक दल के उपनेता को भी उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है, जैसा कि पिछले कार्यकालों में भी देखा गया है। इसलिए दोनों पदों को लेकर पार्टी के भीतर चर्चा और जमीनी समीकरणों का आकलन लगातार जारी है।
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सबसे आगे
सूत्रों के अनुसार, भाजपा विधायक दल के नेता के लिए सम्राट चौधरी का नाम लगभग तय माना जा रहा है। सम्राट चौधरी भाजपा का आक्रामक चेहरा माने जाते हैं और चुनाव अभियान में उन्होंने बेहद सक्रिय भूमिका निभाई थी। बिहार की राजनीति में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है और संगठन के भीतर भी उनका प्रभाव काफी बढ़ा है। दूसरी ओर, भाजपा विधायक दल के उपनेता के तौर पर विजय कुमार सिन्हा का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है। विजय कुमार सिन्हा अनुभव और संगठनात्मक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। अगर भाजपा इन्हें इन पदों पर नियुक्त करती है, तो वही परंपरा कायम रहेगी जिसमें भाजपा दो डिप्टी सीएम की व्यवस्था पर चलती है।
क्या आएगा कोई नया चेहरा?
हालांकि राजनीति में आखिरी फैसला आने तक कुछ भी पूरी तरह निश्चित नहीं कहा जा सकता। अगर भाजपा चाहे तो किसी नए नाम को आगे बढ़ाकर चौंका भी सकती है। लेकिन फिलहाल पार्टी के भीतर से जो संकेत मिल रहे हैं, उनके अनुसार बड़े बदलाव की संभावना बहुत कम है।
10 बजे की बैठक के बाद साफ हो जाएगी तस्वीर
कल सुबह 10 बजे होने वाली भाजपा की बैठक को लेकर हर किसी की नजरें टिकी हुई हैं। बैठक खत्म होने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता और उपनेता की आधिकारिक घोषणा कर सकती है। इसके बाद दोपहर तक यह भी साफ हो जाएगा कि सरकार में भाजपा की तरफ से कौन-कौन उपमुख्यमंत्री बन रहा है।
नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री—लगभग तय
जहां तक मुख्यमंत्री पद का सवाल है, भाजपा और एनडीए के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से लगातार संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। भाजपा की ओर से भी इस पर सहमति बन चुकी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार स्थिर और स्वीकार्य चेहरा माने जाते हैं।
नए सियासी समीकरणों के साथ एक नई सरकार
इस बार की सरकार कई मायनों में अलग होगी। भाजपा मुख्यमंत्री पद नहीं ले रही है, लेकिन सरकार में उसकी भूमिका बेहद मजबूत रहने वाली है क्योंकि वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। दो उपमुख्यमंत्री के पदों पर भाजपा का कब्जा होगा और प्रमुख मंत्रालय भी भाजपा के पास जाने की संभावना है।
जदयू के साथ भाजपा का यह नया समीकरण आने वाले समय में बिहार की राजनीति की दिशा तय करेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह सरकार स्थिर होगी, क्योंकि दोनों दल चुनाव के दौरान और परिणाम आने के बाद से ही एक स्पष्ट रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं। अब सबकी नजरें कल की भाजपा विधायक दल की बैठक पर टिकी हैं। 10 बजे के बाद सियासी तस्वीर और अधिक स्पष्ट हो जाएगी और उसके कुछ घंटों के भीतर नई सरकार का ढांचा भी सामने आ जाएगा।
सिद्धि सिंह की रिपोर्ट