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23-Nov-2025 02:55 PM
By First Bihar
Bihar road construction : बिहार में नई सरकार बनने के बाद विकास कार्यों की रफ्तार तेज होती दिख रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने घोषणा की है कि अब जिन गांवों या टोलों में सड़क निर्माण जमीन न मिलने की वजह से अटके हुए थे, वहां सरकार ग्रामीणों से लीज पर जमीन लेकर पक्की सड़क बनाएगी। इससे राज्य के हजारों टोलों को मुख्य सड़क से बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
जिन टोलों में नहीं बनी सड़क, वहां सरकार लेगी जमीन लीज पर
अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण इलाकों में कई टोल ऐसे हैं जहां लोगों ने निजी जमीन उपलब्ध नहीं कराई, जिसके कारण सड़क निर्माण वर्षों से अटका था। इन बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार ने यह नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब ग्रामीणों की जमीन लीज पर लेकर वहां पक्की सड़क बनाई जाएगी। इसके बदले सरकार जमीन मालिकों को तय मुआवज़ा या किराया देगी, ताकि किसी ग्रामीण को नुकसान न हो और सड़क निर्माण भी सुचारू रूप से हो सके।
2013 में शुरू हुई थी 'मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना'
गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की शुरुआत वर्ष 2013 में की थी। इस योजना के तहत 70% से अधिक काम पूरे हो चुके हैं। हजारों टोल अब मुख्य मार्गों से जुड़ चुके हैं। 2013 से अब तक ग्रामीण सड़क नेटवर्क में तेज़ी से सुधार हुआ है लेकिन कुछ क्षेत्रों में जमीन विवाद सबसे बड़ी बाधा थी। इसी वजह से कई टोल अब तक सड़क सुविधा से वंचित थे। नई सरकार ने इस समस्या को स्थायी रूप से हल करने का फैसला लिया है।
ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना में 3968 KM सड़क तैयार
ग्रामीण कार्य विभाग के आँकड़ों के मुताबिक 3968 किलोमीटर लंबी सड़क अब तक बन चुकी है और 42022 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था। शेष क्षेत्रों में जमीन संबंधी दिक्कतों के कारण काम रुका हुआ था। अब लीज पर जमीन लेने की नीति लागू होने के बाद इन इलाकों में भी सड़कें तेजी से बनाई जाएंगी।
वन लेन से टू लेन में अपग्रेड होंगी प्रखंड से जिला मुख्यालय की सड़कें
अशोक चौधरी ने बताया कि आने वाले समय में प्रखंड मुख्यालयों से जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली सड़कें वन लेन से टू लेन में परिवर्तित की जाएंगी। अभी कई मार्ग संकरे हैं, जिससे आवागमन में दिक्कतें होती हैं। टू लेन होने के बाद यातायात सुगम होगा और एंबुलेंस व आपात सेवाओं को फायदा मिलेगा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार व परिवहन को नया प्रोत्साहन मिलेगा इस पर जल्द ही विभाग काम शुरू करेगा।
OPRMC प्रणाली से सड़क रखरखाव होगा और मजबूत
बिहार सरकार ने राज्य में सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव के लिए भी नई प्रणाली लागू की है। OPRMC (Output and Performance-Based Road Maintenance Contract) के तहत सड़क की गुणवत्ता और मरम्मत की निगरानी लगातार की जाएगी ठेकेदारों की ज़िम्मेदारी तय होगी खराब सड़क मिलते ही कार्रवाई संभव होगी। इसके अलावा, जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर को फील्ड में नियमित मॉनिटरिंग का दायित्व दिया गया है, ताकि निर्माण गुणवत्ता में कोई कमी न रह जाए।
नई सरकार के गठन के बाद तेज हुए विकास कार्य
चुनाव के कारण कई सड़क परियोजनाएं अधर में पड़ी थीं, लेकिन नई सरकार बनने के बाद उन्हें तत्काल गति दे दी गई है। मंत्री अशोक चौधरी के एक्शन मोड में आने से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण से जुड़े विभागों में सक्रियता बढ़ गई है।
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है:
हर टोले को मुख्य सड़क से जोड़ना। सड़क निर्माण की गुणवत्ता को बेहतर करना। ग्रामीण कनेक्टिविटी को राज्य का सबसे मजबूत नेटवर्क बनाना। बिहार के लाखों ग्रामीणों के लिए यह बड़ा राहत भरा कदम माना जा रहा है। सड़कें बनने से न केवल आवागमन आसान होगा बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजनेस और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।