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Bihar Election 2025: बिहार में बन रहा नया इतिहास, जानिए कितने देशों से अधिक वोटर करते हैं वोटिंग; पाकिस्तान की आधी आबादी से अधिक मतदाता

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। चुनाव दो चरणों में होंगे – 6 और 11 नवंबर को, और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू कर दी गई है। यह चुनाव पूरे देश का ध्यान खींच रहा है, क्य

Bihar Election

07-Oct-2025 07:41 AM

By First Bihar

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे – 6 और 11 नवंबर को मतदान, और 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू कर दी गई है। यह चुनाव पूरे देश का ध्यान खींच रहा है, क्योंकि सत्ता और विपक्ष दोनों इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, वहीं विपक्षी दल बिहार की सत्ता पर प्रभाव जमाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।


चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में इस बार कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं। इसमें 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिलाएं और 1,725 ट्रांसजेंडर वोटर्स शामिल हैं। इसके अलावा, 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 14 लाख नए मतदाता (जो पहली बार वोट देंगे) और 100 साल से अधिक उम्र के 14,000 वोटर भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 1.63 लाख सर्विस वोटर्स (सेना या सरकारी सेवा में कार्यरत) भी मतदान में हिस्सा लेंगे।


बिहार के वोटर्स की संख्या इतनी अधिक है कि यह दुनिया के 150 से अधिक देशों की पूरी आबादी से ज्यादा है। सिर्फ 18 देशों – जैसे चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, रूस, ब्राजील, बांग्लादेश, जापान और इंडोनेशिया की आबादी बिहार के वोटर्स से अधिक है। बाकि दुनिया के अधिकांश देशों की आबादी बिहार के मतदाताओं से कम है। इन देशों में शामिल हैं यूके, फ्रांस, इटली, स्पेन, दक्षिण कोरिया, कनाडा, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, श्रीलंका, बेल्जियम, ग्रीस, क्यूबा, UAE और कई अफ्रीकी देश।


भारत विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, और बिहार उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर आता है। इसके बावजूद बिहार चुनाव इस स्तर पर आयोजित होता है कि यहां के मतदाताओं की संख्या कई देशों की कुल आबादी से भी अधिक है। यह तथ्य दिखाता है कि बिहार चुनाव न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अत्यंत महत्व रखते हैं।


बिहार चुनाव 2025 में 243 विधानसभा सीटों के लिए मुकाबला है। एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी टकराव काफी तेज है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी दल “स्थिरता और विकास” के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बना रहा है। युवाओं और नए मतदाताओं की भूमिका इस चुनाव में निर्णायक मानी जा रही है। इस चुनाव में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यादव, मुसलमान, कुर्मी, कोइरी और दलित मतदाता समूह का रुझान परिणाम पर सीधा असर डाल सकता है। नए मतदाता और दिव्यांग मतदाता इस बार के चुनाव की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सिर्फ एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक अभ्यास और जनप्रतिनिधित्व का जीवंत उदाहरण है। 7.43 करोड़ मतदाताओं के साथ यह चुनाव दुनिया के कई देशों की आबादी से बड़ा राजनीतिक प्रयोग साबित होता है। 6 और 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बिहार की जनता ने अपने भविष्य और राज्य की दिशा किसके हाथों में दी।