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                            31-Oct-2025 07:52 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक बार फिर राजनीति में हलचल मच गई है। भागलपुर जेल में बंद आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के पटना जिले के खगौल स्थित ठिकानों पर गुरुवार को पुलिस ने बड़ी छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई चुनाव से जुड़े एक मामले में की गई है। रीतलाल यादव दानापुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार हैं और जेल में रहते हुए भी उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि रीतलाल यादव के समर्थक मतदाताओं को डराने-धमकाने और रुपये का लालच देकर वोट देने के लिए प्रभावित कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस ने कोथवां गांव स्थित उनके आवास, रिश्तेदार श्रवण राय, साला चिकू और मंटू के घरों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस की भारी संख्या में तैनाती रही, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
खगौल थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई सूचना के आधार पर की गई थी। “हमें सूचना मिली कि रीतलाल यादव के रिश्तेदार लोगों को राजद के पक्ष में मतदान करने के लिए धमका रहे हैं और पैसे का लालच दे रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए स्टेशन डायरी दर्ज कर पूछताछ के लिए छापेमारी की गई,” उन्होंने कहा। हालांकि, तीनों आरोपित अपने-अपने घरों से फरार मिले।
इस छापेमारी को लेकर रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू देवी ने मौजूदा सरकार और पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सरकार नहीं चाहती कि मेरे पति इस चुनाव में जीतें। इसलिए वे हमें डराने और प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जनता हमारे साथ है और उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।”
रिंकू देवी ने यह भी दावा किया कि रीतलाल यादव को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है, और विरोधी खेमे की घबराहट इसी वजह से है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राजद के बढ़ते जनसमर्थन को कमजोर करने का प्रयास है। गौरतलब है कि रीतलाल यादव बिहार की राजनीति में विवादों से घिरे लेकिन जनता में लोकप्रिय चेहरा माने जाते हैं। दानापुर सीट से उनका मजबूत जनाधार है और जेल में रहने के बावजूद उनके समर्थक चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं। अब पुलिस कार्रवाई के बाद इस पूरे मामले ने नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जिससे दानापुर विधानसभा सीट एक बार फिर सियासी चर्चा का केंद्र बन गई है।