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14-Nov-2025 03:48 PM
By First Bihar
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के बीच सामने आए शुरुआती रुझानों ने राज्य की राजनीति की दिशा लगभग तय कर दी है। वोटों की गिनती शुरू होते ही यह साफ हो गया कि इस बार मुकाबला एकतरफा होता जा रहा है। एनडीए दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है, जबकि महागठबंधन 50 के आंकड़े के आस-पास भी संघर्ष करता दिख रहा है। इन नतीजों ने भाजपा और जदयू के खेमे में उत्साह भर दिया है। इसी बीच बेगूसराय से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एनडीए की संभावित भारी जीत पर बड़ा बयान दिया है।
“जेल-बेल, भ्रष्टाचार और जंगलराज को जनता ने नकारा” – गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने इस बार बहुत स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के मतदाताओं ने “जेल-बेल, भ्रष्टाचार और जंगलराज” की राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अमन-चैन, स्थिरता और विकास के लिए मतदान किया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “एक तरफ लालू यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का नेतृत्व है, जो जेल, बेल, भ्रष्टाचार, जंगलराज और लूट के प्रतीक बन चुके हैं। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व है, जिसने बिहार को नई दिशा दी है।”
“बुजुर्गों ने जंगलराज के दर्द को याद रखकर वोट किया”
गिरिराज सिंह ने कहा कि आज के युवा शायद जंगलराज के वे काले दिन नहीं देख पाए होंगे, लेकिन बिहार के बुजुर्ग आज भी लालू-राबड़ी शासन के अपहरण, हत्या और अराजकता के दौर को याद रखते हैं। उनके अनुसार, इस चुनाव परिणाम में उन बुजुर्ग मतदाताओं का महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने आने वाली पीढ़ी को फिर से अराजकता के दौर में नहीं जाने देने का संकल्प लेकर वोट डाला।उन्होंने कहा, “यह जीत उन लोगों की भी है जिन्होंने तय किया कि उनके बच्चों को फिर से उस अंधेरे में नहीं धकेला जाएगा।”
एनडीए की बंपर जीत, जदयू बनी सबसे बड़ी पार्टी
शुरुआती रुझानों में एनडीए 190 से अधिक सीटों के साथ दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ रहा है। 243 सीटों वाली विधानसभा में महागठबंधन 50 के पार भी जाता नहीं दिख रहा, जो विपक्ष के लिए बड़ा झटका है। सबसे अहम बात यह कि जदयू इस बार भाजपा को पीछे छोड़ते हुए राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिखाई दे रही है। गिरिराज सिंह ने कहा कि मतगणना शुरू होते ही तस्वीर साफ हो गई थी। उनके अनुसार, बिहार की जनता ने “जंगलराज के वारिसों को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।”
विपक्ष की रणनीति उलटी पड़ी, नीतीश की मेहनत रंग लाई
इस चुनाव में विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र, स्वास्थ्य और भाषण भूलने जैसी घटनाओं को मुद्दा बनाकर उन्हें असहज करने की कोशिश की थी। तेजस्वी यादव ने रोजगार और बेरोजगारी को चुनावी हथियार बनाते हुए नीतीश को ‘रिटायरमेंट मोड’ में दिखाने का प्रयास किया। लेकिन इन सभी प्रयासों के उलट, नीतीश कुमार ने चुनावी मैदान में खुद को पहले से अधिक सक्रिय साबित किया। 75 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने गांव-गांव जाकर जनता से संवाद किया, छोटे-छोटे जनसभाओं में हिस्सा लिया और संगठन को जमीन पर सक्रिय किया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, नीतीश कुमार ने विपक्ष के हमलों को अपनी ताकत में बदल दिया। जहां विपक्ष उन्हें कमजोर दिखा रहा था, वहीं उन्होंने इसे सहानुभूति और अनुभव की पूंजी में बदलते हुए जनता से सीधे जुड़ाव कायम किया।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की जनता ने इस बार स्थिरता, विकास और शासन की निरंतरता के पक्ष में वोट किया है। एनडीए की भारी बढ़त जहां सत्ता की ओर उनके मजबूत कदम को दिखा रही है, वहीं महागठबंधन की रणनीति voters को प्रभावित करने में पूरी तरह विफल साबित होती दिख रही है। गिरिराज सिंह के बयानों ने एनडीए के भीतर बढ़ते आत्मविश्वास को उजागर कर दिया है और यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव तय है।