वंशावली को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया नया आदेश, जानिये अब क्या करना होगा? गोल उत्सव 4.0 में जुटे हजारों डॉक्टर, एलुमनाई मीट में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी बस स्टैंड में लगी भीषण आग, तीन दर्जन दुकानें जलकर राख, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं: सम्राट चौधरी ने 3 महीने का दिया अल्टीमेटम, कहा..बदमाशों को बिहार से भगाकर ही दम लूंगा एक लाख डॉलर जीतने वाले मोतिहारी के आदर्श ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार की शिक्षा और कौशल विकास पर हुई चर्चा सुपौल में समलैंगिक विवाह, दो युवतियों ने आपसी सहमति से गैस चूल्हे को साक्षी मानकर लिये सात फेरे उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को बताया पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन, कहा..उनको ना कभी बिहार की चिंता थी, और ना ही अब है पटना और मुजफ्फरपुर के बाद अब पूर्णिया में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का होगा आयोजन, इस दिन विजय सिन्हा सुनेंगे आमलोगों की शिकायतें Bihar acid attack : पति पर था ब्यूटी पार्लर संचालिका के साथ 'इलु -इलु' करने का शक, वाइफ ने करवा दिया एसिड अटैक; इस तरह सच आया सामने बिहार का चेरापूंजी कहे जाने वाला जिला किशनगंज में शीतलहर का कहर जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, अलाव की व्यवस्था नहीं
20-Apr-2025 10:28 AM
By First Bihar
Highway steel theft: जहानाबाद जिले में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत आमस (गया) से दरभंगा तक बन रहे एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यह परियोजना जहानाबाद से भी होकर गुजरती है और इसी दौरान ओकरी थाना क्षेत्र से छड़ की चोरी का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य में लगे प्लांट से चोरी हुए छड़ों की शिकायत परियोजना अधिकारियों ने ओकरी थाने को लिखित रूप में दी थी। कार्रवाई करते हुए थाना पुलिस ने शाइस्ताबाद पंचायत के लक्षणबीघा गांव में छापेमारी की और वहां से बड़ी मात्रा में चोरी किया गया छड़ बरामद किया। इस मामले में गांव के दो युवकों को हिरासत में लिया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि स्थानीय सफेदपोश नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दोनों युवकों को चुपचाप छोड़ दिया।
परियोजना अधिकारी सोनू सिंह ने बताया कि जिनके घर से चोरी का माल मिला, उन्हें छोड़ देना और बरामद छड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर कुएं में फेंक देना, यह साफ दर्शाता है कि पुलिस और चोरों की मिलीभगत है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस छड़ की चोरी हुई है, वह आम बाजार में उपलब्ध नहीं होती और केवल बड़े-बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स में ही सप्लाई होती है। स्थानीय ग्रामीणों का भी कहना है कि छड़ों को पुलिस की मौजूदगी में ही कुएं में डलवाया गया, ताकि सबूत मिटाया जा सके।
इस पूरे प्रकरण पर घोषी अनुमंडल के पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैंने ओकरी थाना प्रभारी को जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिस और नेताओं के गठजोड़ की भी पोल खोलती है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होती है या फिर यह भी सिस्टम की चुप्पी में दबा दिया जाएगा।