ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी

Success Story: 6 बार की असफलता से भी नहीं टूटे हौसले, 7वीं बार में UPSC में हासिल की सफलता; जानें.. निशा की सक्सेस स्टोरी

Success Story: कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ किसी काम को किया जाए, तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. 40 साल की उम्र में, सातवें प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर 1000वीं रैंक हासिल की. जानें...

Success Story

26-Apr-2025 03:11 PM

By First Bihar

Success Story: कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ किसी काम को किया जाए, तो उसे पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसी ही कहानी 40 साल की निसा उन्नीराजन (Nisa Unnirajan) की है, जो अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से यह साबित कर दिया कि उम्र, विकलांगता या अन्य बाधाएं कभी भी सपने पूरा करने के रास्ते में नहीं आ सकतीं। 


वहीं, निसा ने वर्ष 2024 में सातवें प्रयास में 1,000 वीं रैंक हासिल करने वाली निसा के लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। यूपीएससी में 1000वीं रैंक हासिल करने वाली निसा ने अपनी सिविल सेवा का सफर 35 साल की उम्र में शुरू किया।  इस उम्र में लोग यूपीएससी पास करके नौकरी कर रहे होते हैं या नौकरी छोड़ देते हैं, लेकिन उन्होंने इस उम्र में भी शानदार सफलता की कहानी लिख डाली हैं। 


निसा ने घर पर अपनी दो छोटी बेटियों नंदना (11), थानवी (7) और पति अरुण के सपोर्ट से उन्होंने दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। उनके माता-पिता रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी हैं, उन्होंने भी बेटी के सफल होने अपनी भूमिका निभाई है। बता दें कि, निसा को कई बार असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निसा बताती हैं कि हर असफलता से मुझे कुछ नया सिखने को मिला है। हर बार उन्होंने अपनी रणनीति को बेहतर किया है। इस मानसिकता ने उन्हें बार-बार उठने और आगे बढ़ने का हौंसला दिया। निसा ने यूपीएससी में यह सफलता डिसेबिलिटी कैटेगरी में हासिल की हैं।


 बता दें कि, निसा ने तिरुवनंतपुरम के एक निजी कोचिंग सेंटर से सिविल सेवा की तैयारी की। इसके साथ ही कोट्टायम के उप-कलेक्टर रंजीत से उन्हें जबरदस्त प्रेरणा मिली, जो खुद सुनने में विकलांग हैं। निसा ने बताया कि किसी ऐसे व्यक्ति की सफलता को देखकर जिन्होंने उसी चुनौती का सामना किया है, उनकी उम्मीदों को बहुत ही प्रभावित किया। 


निसा बताती है कि उन्होंने अपनी दिनचर्या को प्रेरणादायक आत्मकथाओं, सफलता की कहानियों और प्रेरक वीडियो से भर लिया। उनका यह तरीका भले ही पारंपरिक नहीं था, लेकिन यह उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखता था और सफलता की ओर बढ़ने में मदद करता था। 


निसा की सफलता ने यह साबित कर दिया कि कभी भी देर नहीं होती और कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता। आप किसी भी उम्र में शुरुआत कर सकते हैं, बस लगन और मेहनत कम नहीं होनी चाहिए। अब निसा आईएएस बनने के लिए तैयार हैं।