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21-Apr-2025 06:13 PM
By First Bihar
Success Story: अक्सर कहा जाता है कि एक सफल आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। लेकिन बुशरा बानो की कहानी इस कहावत को बिल्कुल उलट कर देती है। इस बार एक पति ने अपनी पत्नी के अधूरे सपने को अपना बना लिया और उसकी सफलता की राह में सबसे बड़ा सहारा बनकर खड़ा हुआ।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज की तंग गलियों से निकलीं बुशरा बानो आज एक भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। यह सफर आसान नहीं था। दो बच्चों की मां, करियर में लंबा ब्रेक, समाज की रूढ़िवादी सोच और एक बहुत ही कठिन परीक्षा UPSC। पर बुशरा ने कभी हार नहीं मानी।
एक अधूरा सपना, एक मजबूत साथ
बुशरा बानो पहले सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। एक सुरक्षित और सम्मानित करियर उनके पास था। लेकिन उनके दिल में कुछ अधूरा था — UPSC में चयनित होकर देश सेवा का सपना। जब उन्होंने अपने इस सपने को संजोया, तो उनके पति ने न केवल उनका साथ दिया बल्कि खुद भी सऊदी में अपनी नौकरी छोड़ दी।
वहीं, साल 2016 में दोनों ने मिलकर सुरक्षित जीवन को अलविदा कहा और भारत लौट आए। यह निर्णय आसान नहीं था एक छोटा शहर, सीमित संसाधन और बढ़ती पारिवारिक जिम्मेदारियां। लेकिन उनका हौसला बड़ा था।
मां होने के बावजूद नहीं छोड़ा सपना
भारत लौटने के बाद बुशरा ने अपने पहले बच्चे की देखभाल करते हुए पढ़ाई शुरू की। इसी दौरान वह दूसरी बार मां बनीं। लोग ताने मारते “अब तो यह नामुमकिन है।” लेकिन उन्होंने किसी की न सुनी। साल 2018 में उन्होंने पहली बार UPSC CSE क्लियर किया और ऑल इंडिया रैंक 277 हासिल की।
लेकिन यहीं बात खत्म नहीं हुई। दो बच्चों की मां होने के बावजूद उन्होंने फिर से पढ़ाई की और 2020 में UPSC परीक्षा में दोबारा सफलता पाई — इस बार AIR 234 के साथ। यह साबित कर दिया कि मां बनना किसी महिला की पहचान का अंत नहीं, बल्कि उसकी ताकत भी हो सकता है।
आज की स्थिति
आज बुशरा बानो एक भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं और देश की सेवा में समर्पित हैं। उनकी पोस्टिंग फिलहाल उत्तर प्रदेश में है, जहां वह कानून व्यवस्था से लेकर महिला सशक्तिकरण तक कई अहम जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। उनके पति, जो खुद उच्च शिक्षित हैं, ने बच्चों की देखभाल और घर की ज़िम्मेदारी संभालकर बुशरा को एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर पहुँचाया, जहां से वे लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।
हर महिला के लिए एक प्रेरणा
बुशरा बानो की कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं है, बल्कि उस हर लड़की, हर मां और हर पत्नी की कहानी है जो कभी अपने सपनों को अधूरा मानकर पीछे हट जाती हैं। बुशरा बताती हैं, "अगर आपके सपनों में जान है, तो मां बनना कभी रुकावट नहीं, बल्कि एक ताकत बन सकता है। अगर साथ में कोई ऐसा हो जो बिना शर्त आपका साथ दे, तो रास्ता चाहे जितना कठिन हो, मंज़िल जरूर मिलती है।"
बुशरा बानो आज नारी सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि हौसला, समर्पण और एक सच्चे साथी के साथ कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।