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Success Story: बिहार के गांव से ग्लोबल तक, माइक्रोसॉफ्ट में मिला हाई-प्रोफाइल ड्रीम जॉब; जानें... शिवोत्तम कुमार की कहानी

Success Story: बिहार के हनुमाननगर प्रखंड अंतर्गत पटोरी पंचायत के रहने वाले शिवोत्तम कुमार ने कड़ी मेहनत और लगन के बल पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जानिए... सफलता की कहानी!

Success Story

02-Aug-2025 03:28 PM

By First Bihar

Success Story: बिहार के हनुमाननगर प्रखंड अंतर्गत पटोरी पंचायत के रहने वाले शिवोत्तम कुमार ने कड़ी मेहनत और लगन के बल पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शिवोत्तम का चयन विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में जूनियर डाटा साइंटिस्ट के पद पर हुआ है, जहाँ उन्हें 55 लाख रुपये वार्षिक पैकेज प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।


शिवोत्तम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जीसस एंड मैरी एकेडमी, दरभंगा से पूरी की। उन्होंने वर्ष 2020 में सीबीएसई बोर्ड से 10वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद वे बिहार बोर्ड से जुड़े और मधुबनी के जीतवारपुर +2 उच्च विद्यालय से आईएससी कृषि संकाय से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। शैक्षणिक यात्रा को जारी रखते हुए उन्होंने आईआईटी मद्रास से बीएस इन डाटा साइंस एंड एप्लीकेशन नामक चार वर्षीय ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लिया।


उनकी प्रतिभा और कौशल को पहचानते हुए गूगल ने भी उन्हें बैंगलोर लोकेशन के लिए 37 लाख रुपये के पैकेज पर चयनित किया था, लेकिन शिवोत्तम ने माइक्रोसॉफ्ट को प्राथमिकता दी। वर्तमान में उनका चयन माइक्रोसॉफ्ट के हैदराबाद स्थित Azure Data and AI Team में हुआ है, जो तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा है।


शिवोत्तम की इस सफलता से उनका परिवार अत्यंत प्रसन्न है। उनकी दादी चंद्रकांती देवी ने भावुक होकर कहा, "अब मेरी उम्र 5-10 साल और बढ़ गई है।" उनके दादा राम एकबाल चौधरी भी पोते की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनके चाचा रणविजय सांडिल्य और चाची निभा कुमारी खुशी से फूले नहीं समा रहे।


शिवोत्तम के बड़े भाई नरोत्तम कुमार, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, ने हंसते हुए कहा कि अब उन पर भी जल्दी परिणाम देने का दबाव महसूस हो रहा है। इस सफलता की कहानी न सिर्फ मेहनत और आत्मविश्वास की मिसाल है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर विश्व स्तरीय मंच पर पहुँचने की संभावनाओं को भी उजागर करती है। शिवोत्तम आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।