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21-Aug-2025 02:12 PM
By First Bihar
Success Story: हर साल लाखों युवा UPSC सिविल सेवा परीक्षा में IAS और IPS बनने का सपना लेकर शामिल होते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति अटूट निष्ठा करते है, वहीं इस कठिन परीक्षा में सफलता को अपने नाम कर लेते है। ऐसी ही एक मिसाल हैं केरल की रहने वाली S. अश्वथी, जो एक मजदूर की बेटी होते हुए भी अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से IAS अफसर बनीं।
अश्वथी का जन्म एक बेहद साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में हुआ। उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि कई बार दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल होता था, लेकिन अश्वथी ने कभी हार नहीं मानी। वे पढ़ाई में बचपन से ही मेधावी थीं और आठवीं कक्षा में ही उन्होंने ठान लिया था कि एक दिन IAS अफसर बनेंगी।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अश्वथी ने Government Barton Hill Engineering College से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें Tata Consultancy Services (TCS) में अच्छी नौकरी भी मिल गई। इस नौकरी से घर की आर्थिक स्थिति कुछ सुधरी, लेकिन IAS बनने का सपना उन्हें चैन से बैठने नहीं दे रहा था।
अपने सपने को साकार करने के लिए अश्वथी ने जोखिम उठाते हुए TCS की स्थिर नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह UPSC की तैयारी में जुट गईं। यह फैसला आसान नहीं था, खासकर तब जब परिवार पहले से ही आर्थिक संघर्ष कर रहा था। मगर अश्वथी के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति ने उन्हें इस राह पर टिके रहने की हिम्मत दी।
अश्वथी ने 2017, 2018 और 2019 में लगातार तीन बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन उन्हें असफलता हाथ लगी। तीन बार की नाकामी किसी को भी तोड़ सकती है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी रणनीति बदली, जवाब लेखन पर ध्यान दिया, और समय प्रबंधन में सुधार किया।
लगातार संघर्ष और मेहनत का नतीजा उन्हें 2020 में चौथे प्रयास में मिला, जब उन्होंने All India Rank 481 हासिल की और IAS बनने का सपना पूरा कर लिया। आज S. अश्वथी IAS अधिकारी बनकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। एक मजदूर की बेटी का IAS बनना यह साबित करता है कि अगर आपके अंदर जुनून, धैर्य और मेहनत की ताकत है, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।