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07-Mar-2025 07:02 PM
By FIRST BIHAR
Success story: आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार की एक ऐसी बेटी की सफलता की कहानी है, जिसने शादी के 17 साल बाद तक कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई जारी रखी और बीपीएससी की परीक्षा पास कर पहली ही कोशिश में डीएसपी बन गई। दुर्गा शक्ति गोपालगंज शहर की हजियापुर वार्ड संख्या-10 की निवासी है। उन्होंने शादी के 17 साल बाद भी परिवार को संभालने के साथ ही पढ़ाई को जारी रखा। वह घर व बच्चों को संभालने के साथ ही शिक्षक पति के सहयोग से डीएसपी बनकर महिलाओं के लिए मिसाल बनी हैं। डीएसपी कुमारी दुर्गा शक्ति के संघर्ष को देखकर कई युवतियों में भी पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ गई है।
दरअसल, गोपालगंज शहर की हजियापुर वार्ड संख्या-दस निवासी अनिरुद्ध साह की बेटी कुमारी दुर्गा शक्ति की शादी उनके पिता ने वर्ष 2002 में सीतामढ़ी शहर के रहने वाले आनंद अशोक के साथ कर दी थी। शादी के बाद उनके पति शिक्षक के पद पर कार्यरत हुए। साथ ही बीपीएससी की तैयारी कर रहे थे लेकिन उनके पति को बीपीएससी की परीक्षा में सफलता नहीं मिली। पति आनंद अशोक पत्नी कुमारी दुर्गा शक्ति को पढ़ाई के प्रोत्साहित करने लगे।
वहीं शादी के बाद कुमारी दुर्गा शक्ति की पढ़ाई पूरी तरह से छूट गई थी। वह अपने एक बेटे के साथ घर परिवार चला रही थी लेकिन उनके पति बार-बार पढ़ाई के प्रति उनका मनोबल बढ़ाते रहते थे। साथ ही उनका बेटा भी अपनी मां का हौंसला बढ़ाया करता था। दुर्गा ने अपने पति का बात मानकर बीपीएससी की तैयारी शुरू की, जिसमें पति का काफी सहयोग रहा।
बीपीएससी की तैयारी के दौरान ही पति आनंद अशोक ने दुर्गा की अपने शिक्षकों से से मुलाकात कराई, जो बीपीएससी की तैयारी कराते थे। उसके बाद कुमारी दुर्गा शक्ति ने अपनी अपनी दुर्गा रूप दिखाया और कड़ी मेहनत की। दुर्गा शक्ति ने बीपीएससी 60-62 बैच वर्ष 2018 में परीक्षा पास कीऔर बाद खुद को साबित कर दिया। वर्तमान में उनके पति भी सचिवालय में सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।
दुर्गा ने बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ बचपन से बैंडमिंटन के प्रति रुचि रखती थीं लेकिन शादी के बाद सब कुछ छूट गया। दुर्गा शक्ति के पिता ने बताया कि वह पूर्वी चंपारण में मुख्यालय डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। वह बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी होनहार रही हैं। 15 साल तक पढ़ाई छोड़ने के बाद फिर से पढ़ाई कर डीएसपी बनकर खुद को साबित किया और लाखों महिलाओं की प्रेरणा बनी है। उनकी सफलता से कई युवतियों में पढ़ाई के प्रति रूचि भी बढ़ी है।